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शारीररक शशक्षा अध्याय-10: खेलकू द मेंप्रशशक्षण और डोप िंग
(1) 10 खेलक ूद मेंप्रशिक्षण और डोप िंग खेल प्रशशक्षण का अर्थ:- खेल प्रशिक्षण नियोशित व्यायाम अथवा खखलाड़ी द्वारा निशित समय मेंप्रयास शिसके द्वारा खखलाड़ी को और अधिक प्रशिक्षण भार सहिे, वविेष रूप मेंप्रनतयोधिताओंके शलए तैयारी सेशलया िाता है। दूसरेिब्दों में“ खेल प्रशिक्षण नियोशित व्यायामों के माध्यम सेखखलाड़ी को वविेष दवाबों के अिुकू ल होिेके सािि िुटाता हैं। ” खखलाड़ी की इस प्रकार के अिुकू लि सेभववष्य मेंऔर अधिक प्रशिक्षण भार सहिेकी तैयारी हो िात़ी हैं। प्रशशक्षण की विचारधारा:- खेल ककस़ी उपलब्धि अथवा प्रनतयोधिता की तैयारी के शलए बदलाव के साथ – साथ ककस़ी प्रनतयोधिता की तैयारी हेतुप्रशिक्षण ववधियों, एवंिई तकि़ीको के प्रयोि सेआए कदि िए कीर्ततमाि स्थापपत ककए िा रहेंहैभार प्रशिक्षण (Weight Training) ववधि को अपिािेसेबहुत ही उत्साह बिधक पररणाम सामिेआए हैं। अतः यह कहिा िलत िहीं होिा हक के अिुसार ” खेल प्रशिक्षण ककस़ी खेल या प्रनतयोधिता के शलए वैज्ञानिक ससद्धान्तों एवं तथ्यों पर आिाररत एक अनिवायधप्रकिया हैिो खखलाड़ी को उच्चतम प्रदिधि के योग्य बिात़ी है। खेल प्रशशक्षण के सिद्धान्त:- • निरतंरता का ससद्धान्त • अनतभार का ससद्धान्त • व्यक्तिित भेद का ससद्धान्त • सामान्य प ववशिष्ट तैयारी का ससद्धांत • प्रिनत िम का ससद्धांत • ववशिष्टता का ससद्धांत • वववविता का ससद्धांत
(2) 10 खेलक ूद मेंप्रशिक्षण और डोप िंग • िमाधिेव ठण्डा होिेका ससद्धांत • आराम तथा पुिः िक्ति प्राब्धि का ससद्धांत अविभार का सिद्धाांि:- इसका अथधहैकक खखलाकडयों के प्रदिधि मेंबढोत्तरी करिेके शलए प्रशिक्षण भार को बढािा चाहहए। उदाहरण के शलए सहि – क्षमता (enduerance) को बढािेके शलए मांसपेशियों को उससेअधिक लम्ब़ी अवधि तक कायधकरिा चाहहए शितिा वेअभ्यस्त हो चुकी हों। प्रगवि क्रम का सिद्धाांि:- इस ससद्धांत के अिुसार, अनतभार (Load) को ि़ीरेि़ीरेिमबद्ध रूप सेबढािा चाहहए शिससेकक खखलाड़ी को इसेसंभालिेमेंआसाि़ी हो। प्रिनत – िम का ससद्धांत हमेंउधचत ववश्राम व पुिः िक्ति प्राब्धि का भ़ी अहसास कराता है। निरांिरिा का नियम:- इस ससद्धांत के अिुसार प्रशिक्षण की एक निरंतर प्रकिया होि़ी चाहहए। इसमेंककस़ी प्रकार का अवकाि िहीं होिा चाहहए। प्रशिक्षण मेंदो प्रशिक्षण सत्रों के ब़ीच का अंतराल ज्यादा लंबा िहीं होिा चाहहए। विविधिा का सिद्धाांि:- एक सफल प्रशिक्षक को खखलाड़ी की रुधच तथा अधभप्रेरणा को बिाए रखिेके शलए प्रशिक्षण कायधिम मेंवववविताओंको िाधमल करिा चाहहए। वववविता के रूप मेंव्यायाम की प्रकृ नत, समय, पयाधवरण मेंबदलाव आकद के द्वारा, लाई िा सकत़ी है। व्यक्तिगि भेद का सिद्धाांि:- इस ससद्धांत के अिुसार प्रत्येक खखलाड़ी व्यक्तिित भेदों के कारण, अलि या धभन्न होता है। पुिः िक्ति प्राब्धि मेंअधिक समय लेत़ी है।
(3) 10 खेलक ूद मेंप्रशिक्षण और डोप िंग विशशष्टिा का सिद्धाांि:- इस ससद्धांत के अिुसार िरीर के ककस़ी ववशिष्ट या निशित अंि या भाि का व्यायाम करिेसेमुख्य तौर पर वह अंि या भाि ववकससत हो िाता है। िक्रक्रय ग्रस्तिा का सिद्धाांि:- सकिय ग्रस्तता के ससद्धांत का अथधहैकक प्रभाव़ी – पशिक्षण कायधिम के शलए ककस़ी खखलाड़ी को पूणधसकियता, कियाि़ीलता तथा अपि़ी इच्छा सेभाि लेिा चाहहए। चक्रीयिा का सिद्धाांि:- खेल – प्रशिक्षण कायधिम ववधभन्न प्रशिक्षण चिों िैसेमैको चि, मेसेचि, माइिो चि के द्वारा ववकससत ककए िातेहैं। मैको चि सबसेलम्ब़ी अवधि, माइिो सबसेछोट़ी अवधि (3 से10 कदि) और मेसेचि मध्यम अवधि का होता है। िामान्य ि विशशष्ट िैयारी का सिद्धाांि:- प्रदिधि मेंबढोत्तरी करिेके शलए सामान्य व ववशिष्टष्ट तैयाररयााँदोिों ही समाि रूप सेमहत्त्वपूणध होत़ी हैंसामान्य तैयारी ववशिष्ट तैयारी के आिार के रूप मेंकाम आत़ी हैं। आराम िर्ा ुिः शान्तन्त प्राप्त करिेका सिद्धाांि:- इस ससद्धांत के अिुसार पशिक्षण कायधिम इस प्रकार बिाए िािेचाहहए कक खखलाकडयों के प्रशिक्षण सम्बंि़ी कियाओंके मध्य अन्तराल व उधचत आराम होिा चाहहए। गरमािा:- िरीर को िरमािा एक अल्पकाशलक किया होत़ी हैिो ककस़ी कठोर अथवा कौिल की आवश्यकता वालेकायधसेपहलेकी िात़ी है।
(4) 10 खेलक ूद मेंप्रशिक्षण और डोप िंग हम िरमािेके ककस़ी कठोर कायधिम अथवा प्रनतयोधिता मेंभाि लेिेसेपहलेकी तैयारी भ़ी कह सकतेहैंइस प्रकार के कायधिम द्वारा हम ककए िािेवालेकायधमेंकाम आिेवाल़ी मांस पेशियों को तैयारी की स्थस्थनत मेंलातेहैं। शिससेवह आवश्यकता पडिेपर कु िलता सेकायधकर सकें। अतः हम कह सकतेहैकक “ िरमािा एक प्रारधभक तैयारी की प्रकिया है शिसके पररणाम स्वरूप खखलाड़ी िरीर – कियात्मक एवं मिोवैज्ञानिक रूप सेमुख्य किया के शलए तैयार हो िाता है। गरमािेके प्रकार:- सामान्य िरमािा ववशिष्ट िरमािा शशथर्लीकरण:- ककस़ी प्रनतयोधिता अथवा प्रशिक्षण कायध समाि होिेपर एथल़ीटों को प्रायः कु छ िनतववधियों, िोधििंि अथवा चलिेआकद के रूप मेंकी िात़ी है। इस प्रकार की िनतववधि यााँकु छ समय तक करतेरहिेको शलिंबररिंि डाउि, वार्ममि डाउि कू शलिंि डाउि अथवा शिधथशलकरण कहतेहैं। कौशल:- कौिल खेल प्रदिधि का वह अंि हैिो कठठि कायधको सहि रूप सेकरिेमेंव्यक्ति की सहायता करता है। मांसपेशियों कायधिो कदखिेमेंआसाि़ी सेहोता कदखाई दें, कौिल पूणधिनतववधि या प्रदिधि का प्रत़ीक होता है। सािारण िब्दों में“ कौिल ककस़ी कायधको भैल़ी – भााँनत तथा सुवविापूणधढंि सेकर पािेकी क्षमता को कहा िा सकता है। ” कौिल िो अप्राकृ नतक और कठोर (िहटल)होतेहैंउन्हेंअंिों में ववभाशित करके स़ीखिा चाहहए। कौशल का िगीीकरण:-