PDF Google Drive Downloader v1.1


Báo lỗi sự cố

Nội dung text Chapter 14 जैव विविधता एवं संरक्षण.pdf

भूगोल अध्याय-14: जैव ववववधता एवं संरक्षण
(1) 16 जैव ववववधता एवं संरक्षण पररचय:- 1. आज जो जैव – ववववधता हम देखते हैं, वह 2.5 से 3.5 अरब वर्षों के ववकास का पररणाम है। 2. मानव के आने से जैव – ववववधता में तेजी से कमी आने लगी, क्योंकक ककसी एक या अन्य प्रजातत का आवश्यकता से अधधक उपयोग होने के कारण, वह ल ु प्त होने लगती है। 3. आज भारत में 66 राष्ट्रीय पाकक, 368 अभ्यारण्य 14 जैव आरक्षित िेत्र (Biosphere Reserve) हैं। जहााँववववधता को अिुण रखने का प्रयास जारी है। जैव ववववधता:- जैव ववववधता दो शब्दों Bio (बायो) व Diversity (डाईवर्सकटी) के मेल से बना है ‘ बायो ‘ का अर्क है- जैव तर्ा डाईवर्सकटी का अर्क है – ववववधता अर्ाकत्ककसी तनश्श्ित भौगोर्लक िेत्र में पाए जाने वाले जीवों की संख्या व उनकी ववववधता को जैव ववववधता कहते हैं। जैव ववववधता उष्ट्ण कटटबंधीय प्रदेशों में अधधक है। जैसे – जैसे हम ध्र ु वीय प्रदेशों की ओर बढ़ते हैंप्रजाततयों की ववववधता कम होती जाती है। ककंतुजीवधाररयों की संख्या अधधक हो जाती है। जैव ववववधता को ककन स्तरों पर समझा जा सकता है। जैव ववववधता को तनम्नर्लखखत तीन स्तरों पर समझा जा सकता है। 1. अन ु वाशंिक ववववधता (Genetic Biodiversity):- अन ु वांर्शक जैव ववववधता में ककसी प्रजातत के जीवों का वणकन ककया जाता है। जीवन तनमाकण के र्लए जीन (Gene) एक म ू लभ ूत इकाई है। ककसी प्रजातत में जीव की ववववधता ही अनव ु ांर्शक जैव – ववववधता है। 2. प्रजातीय ववववधता (Species Biodiversity):- प्रजातीय ववववधता ककसी तनधाकररत िेत्र में प्रजाततयों की अनेक रूपता बताती है और प्रजाततयों की संख्या से सम्बश्न्धत है।
(2) 16 जैव ववववधता एवं संरक्षण श्जन िेत्रों में प्रजातीय ववववधता अधधक होती है, उन्हे ववववधता के हॉट – स्पॉट (HotSpots) कहते हैं। 3. पाररतंत्रीय ववववधता (Eco System Diversity):- पाररतंत्रीय ववववधता पाररतंत्रो की संख्या तर्ा उनके ववतरण से सम्बश्न्धत है। पाररतंत्रीय प्रकियाएं, आवास तर्ा स्र्ानों की र्भन्नता ही पाररतंत्रीय ववववधता बनाते हैं। जैव – ववववधता के आर्थिक महत्व:- 1. सभी मन ु ष्ट्यों के र्लए दैतनक जीवन में जैव ववववधता एक महत्वप ू णक संसाधन है। जैव – ववववधता को संसाधनों के उन भंडारों के रूप में समझा जा सकता हैश्जनकी उपयोधगता भोज्य पदार्क, और्षधधयों और सौंदयक प्रसाधन आटद बनाने में होता है। जैव संसाधनों की ये पररकल्पना जैव – ववववधता के ववनाश के र्लए भी उत्तरदायी है। 2. सार् ही यह संसाधनों के ववभाजन और बंटवारे को लेकर उत्पन्न नए वववादों का भी जनक है। खाद्य फसलें, पश,ु वन संसाधन, मत्स्य और दवा संसाधन आटद क ु छ ऐसे प्रम ु ख आधर्कक महत्व के उत्पाद है, जो मानव को जैव – ववववधता के फलस्वरूप उपलब्ध होते हैं। जैव – ववववधता के पाररस्स्थततक महत्व:- 1. जीव व प्रजाततयां ऊजाक ग्रहण कर उसका संग्रहण करती है, काबकतनक पदार्क उत्पन्न एंव ववघटटत करती हैंऔर पररतंत्र में जल व पोर्षक तत्वों के िि को बनाए रखने में सहायक होती हैं। ये वाय ु मंडलीय गैस को श्स्र्र करती हैं, और जलवाय ु को तनयंत्रत्रत करने में सहायक होती हैं। 2. ये पाररतंत्रीय कियाएं मानव जीवन के र्लए महत्वप ू णक कियाएं हैं। पाररतंत्र में श्जतनी अधधक ववववधता होगी प्रजाततयों के प्रततक ू ल श्स्र्ततयों में भी रहने की संभावना उतनी ही अधधक होगी। श्जस पाररतंत्र मे श्जतनी अधधक प्रजाततयां होगी, वह पाररतंत्र उतना ही अधधक स्र्ायी होगा। जैव – ववववधता के वैज्ञातनक महत्त्व:-
(3) 16 जैव ववववधता एवं संरक्षण वैज्ञातनकों के अध्ययनों से वतकमान में र्मलने वाली जैव प्रजातत से हम यह जान सकते हैंकक जीवन का आरम्भ कै से हु आ तर्ा भववष्ट्य में यह कै से ववकर्सत होगा? पाररतंत्र को कायम रखने में प्रत्येक प्रजातत की भ ू र्मका का म ू ल्यांकन भी जैव – ववववधता के अध्ययन से ककया जा सकता है। जैव ववववधता के सम्मेलन में शलए गए संकल्पों में जैव – ववववधता संरक्षण के शलए सुझाए गए उपाय:- 1. संकटापन्न प्रजाततयों के संरिण के र्लए प्रयास करने िाटहए। 2. प्रजाततयों को ल ु प्त होने से बिाने के र्लए उधित योजनाएं व प्रबंधन अपेक्षित हैं। 3. खाद्यानों की ककस्में, िारे संबंधी पौधों की ककस्में, इमारती लकडी के पेड़, पश ु धन, जतं ु व उनकी वन्य प्रजाततयों की ककस्मों को संरक्षित करना िाटहए। 4. प्रत्येक देश को वन्य जीवों के आवास को धिश्न्हत कर उनकी सुरिा को सु तनश्श्ित करना िाटहए। 5. प्रजाततयों के पलने– बढ़नेतर्ा ववकर्सत होनेके स्र्ान सरक्षित ु व संरक्षित होनेिाटहए। 6. वन्य जीवों व पौधों का अंतराकष्ट्रीय व्यापार, तनयमों के अन ु रूप हो। जैव – ववववधता के हास को रोकने के उपाय:- 1. संकटापन्न प्रजाततयों के संरिण के र्लए प्रयास ककए जाने िाटहए। 2. प्रजाततयों को ल ु प्त होने से बिाया जाए। 3. वनरोपण द्वारा पौधों की सुरिा करनी िाटहए। प्रदर्ष ू ण पर तनयंत्रण, कीटनाशकों के प्रयोग पर तनयंत्रण ककया जाना िाटहए। 4. वन्य जीवों के आवास को धिश्न्हत करके उन्हें सुरिा प्रदान करनी िाटहए। 5. वन्य जीवों एवं पौधों के अन्तराकष्ट्रीय व्यापार पर रोक लगानी िाटहए। जैव ववववधता के द्वारा (ववनाि) के कारण:- जैव ववववधता ववनाश के तनम्नर्लखखत कारण हैं:- • आवास में पररवतकन

Tài liệu liên quan

x
Báo cáo lỗi download
Nội dung báo cáo



Chất lượng file Download bị lỗi:
Họ tên:
Email:
Bình luận
Trong quá trình tải gặp lỗi, sự cố,.. hoặc có thắc mắc gì vui lòng để lại bình luận dưới đây. Xin cảm ơn.