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1 | P a g e अर्द्धवार्षधक परीक्षा -2023-24 र्वषय – र्िन्दी कक्षा - आठवीं समय: 2.30 घण्टे पूर्ाांक:60 सामान्य र्िदेश – 1. प्रश्नपत्र को ध्यािपूवधक पर्िए और पूछेगए प्रश्नों केउत्तर र्िर्िए । 2. सभी प्रश्नों के उत्तर देिा आवश्यक िै। 3. समय-सीमा को ध्याि मेंरितेिुए र्िदेशािुसार उत्तर र्िर्िए । प्र01 र्िम्िर्िर्ित अिुच्छेद को पिकर सिी र्वकल्प का चयि कीर्िए :- (5x1=5) वर्तमानववद्यार्थी जीवन को मानव जीवन की रीढ़ की हड्डी कहेंर्ो कोई अवर्शयोवि नहीं होगी। ववद्यार्थी काल मेंबालक मेंजो संस्कार पड़ जार्े हैं, जीवन भर वही संस्कार अवमट रहर्ेह।ैंइसवलए यही काल आधारवशला कहा गया ह।ैयवि यहनींव दृढ़ बन जार्ी हैर्ो जीवन सदृुढ़ और सखु ी बन जार्ा ह।ैयवि इस काल मेंबालक कष्ट सहन कर लेर्ाहैर्ो उसका स्वास््य सन्ुिर बनर्ा ह।ैयवि मन लगाकर अध्ययन कर लेर्ा है र्ो उसे ज्ञान वमलर्ा है, उसका मानवसक ववकास होर्ा ह।ैवजस वक्षृ को आरम्भ सेसन्ुिर वसंचन और खाि वमल जार्ी ह, ैवहपवुपपर् और पल्लववर् होकर संसार को सौरभ िनेेलगर्ा ह।ैइसी प्रकार ववद्यार्थी काल मेंजो बालक श्रम, अनशुासन, समय एवंवनयमन केसााँचेमेंढल जार्ा है, वह आिशत ववद्यार्थी बनकर सभ्य नागररक बन जार्ा है। सभ्य नागररक के वलए वजन-वजन गणुों की आवश्यकर्ा हैउन गणुों केवलए ववद्यार्थी काल ही र्ो सन्ुिर पाठशालाह।ैयहााँपर अपनेसावर्थयों केबीच रहकर वेसभी गणु आ जाने आवश्यक हैं वजनकी ववद्यार्थी को अपने जीवन में आवश्यकर्ा होर्ी है। वनम्नवलवखर् मेंसेवनिशेानसुार सबसेउवचर् ववकल्पों का चयन कीवजए:- (i) मानव जीवन की रीढ़ की हड्डी वकसेकहा गयाहै? (क) ववद्यार्थी को (ख) ववद्यार्थी काल को (ग) पाठशाला को (घ) नागररक को (ii) मन लगाकर पढ़ने से ववद्यार्थी को क्या लाभ होर्ा है ? (क) उसका शारीररक ववकास होर्ा है (ख) उसका मन प्रसन्न रहर्ा है (ग) वह स्वस्र्थ रहर्ा है(घ) उसे ज्ञान वमलर्ा है र्र्था मानवसक ववकास होर्ा है (iii) ववद्यार्थी की र्लुना वकससेकी गई है? (क) वक्षृ से (ख) ज्ञान से (ग) संस्कार से(घ) अनशुासन से (iv) सभ्य नागररक केवलएवकन गणुों की आवश्यकर्ा होर्ी है? (क) कष्ट सहन करने की (ख) अच्छे स्वास््य की (ग) श्रम अनशुासन, समय र्र्था वनयमन की (घ) प्रसन्नर्ा की (v) ‘पवुपपर्’ में प्रत्यय है - (क) र् (ख) वपर् (ग) इर् (घ) वपपर् प्र02 वनम्नवलवखर् कावयांश को पढ़कर सही ववकल्प का चयन कीवजए:- (5x1=5) यह किबं कापेड़ अगर मााँहोर्ा यमनुा र्ीरे, मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनर्ा धीरे-धीरे। लेिर्ेी यवि मझुेबााँसरुी र्मु िो पैसेवाली, वकसी र्रह नीचे हो जार्ी, यह किबं की डाली। र्म्ुहेंनहीं कुछ कहर्ा, पर मैंचपुके-चपुकेआर्ा, उस नीची डाली से अम्मा ऊाँ चे पर चढ़ जार्ा। वहीं बैठ विर बड़ेमजेसेमैंबााँसरुी बजार्ा, अम्मााँअम्मााँकह बंसी केस्वर मेंर्म्ुहेंबलुार्ा। वनम्नवलवखर् मेंसेवनिशेानसुार सबसेउवचर् ववकल्पों का चयन कीवजये-
2 | P a g e (i) बच्चा यमनुानिी वकनारेवकस पेड़ केहोनेकी बार् कहर्ा है? (क) नीम (ख) किम्ब (ग) बरगि (घ) पीपल (ii) बच्चा अपनी मााँ से क्या लेने की इच्छा वयि करर्ा है ? (क) गेंि (ख) बााँसरुी (ग) गवुड़या (घ) कुछ नहीं (iii) बच्चा पेड़ की डाली पर बैठकर क्या करना चाहर्ा है ? (क) िल खाना (ख) िूल र्ोड़ना (ग) गीर् गाना(घ) बााँसरुी बजाना (iv) बााँसरुी की कीमर् गद्यांश मेंवकर्नी बर्ाई गई है? (क) पााँच पैसे(ख) र्ीन पैसे (ग) िो पैसे (घ) चार पैसे (v) इस कावयांश काउवचर् शीर्तक हो सकर्ा ह-ै (क) बालक की अवभलार्ा (ख) बााँसरुी (ग) किम्ब का पेड़ (घ) कन्हैया प्र03 पाठ्य पस्ुर्क सेविए गएवनम्नवलवखर् अनच्ुछेि को पढ़कर सही ववकल्प का चयन कीवजए:- (1x5=5) हुआ यह हैवक इस िशे केकोवट-कोवट िररद्रजनों की हीन अवस्र्था को िरूकरनेकेवलएऐसेअनेक कायि-ेकाननू बनाए गए हैंजो कृवर्, उद्योग, वावणज्य, वशक्षा और स्वास््य की वस्र्थवर् को अवधक उन्नर् और सचुारू बनानेकेलक्ष्य सेप्रेररर् ह, ैंपरन्र्ुवजन लोगों को इन कायों में लगना है, उनका मन सब समय पववत्रनहीं होर्ा। प्रायः वेही लक्ष्य को भलू जार्ेहैंऔर अपनी ही सखु -सवुवधा की ओर ज़्यािा ध्यान िेने लगर्े हैं। भारर्वर्तसिा काननू को धमतकेरूप मेंिखे र्ा आ रहा ह।ैआज एकाएक काननू और धमतमेंअंर्र कर विया गया ह।ैधमतको धोखा नहीं विया जा सकर्ा, काननू को विया जा सकर्ा ह।ैयही कारण हैवक जो लोग धमतभीरू ह, ैंवेकाननू की त्रवुटयों सेलाभ उठानेमेंसंकोच नहीं करर्े। (i) िेश के कोवट-कोवट िररद्रजनों की हीन अवस्र्था को िरूकरनेकेवलए क्या-क्या वयवस्र्था है ? (क) कई सवुवधाएाँिी गईहैं (ख) अनेक कायिेकाननू बनाए गएहैं? (ग) बैंक से ऋण विया जार्ा है (घ) मफ्ुर् मेंखाना वखलाया जार्ा है (ii) वकन लोगों का मन सब समय पववत्र नहीं होर्ा है ? (क) जोहसाँ ी मजाक और िसूरों को हमेशाउल्लूबनानेमेंलगेह।ैं (ख) जो कृवर्उद्योग और वावणज्य की वस्र्थवर् को अवधक उन्नर् बनानेमेंलगेह।ैं (ग) जो वशक्षा और स्वास््य की वस्र्थवर् को अवधक सचुारू बनानेकेलक्ष्य सेप्रेररर् ह।ै (घ) ख और ग िोनों। (iii) भारर् वर्तकाननू को सिा वकस रूप मेंिखे र्ेआ रहाह।ै (क) धमत के रूप में (ख) अधमत के रूप में (ग) सत्य के रूप में (घ) असत्य के रूप में (iv) लेखक केअनसुार वकसेधोखा नहीं विया जा सकर्ाहै? (क) काननू को(ख) धमत को (ग) ज्ञान को (घ) वमत्र को (v) धमतभीरू लोग वकससे लाभ उठानेमेंसंकोच नहीं करर्ेहैं? (क) अवधकाररयों की चापलसूी से(ख) वयापाररयों की वस्र्ओु ंसे (ग) वनधतनों की सवुवधाओंसे (घ) काननू की त्रवुटयों से प्र04 पाठ्य पस्ुर्क सेिी गई कावय पंवियों कोपढ़कर सही ववकल्प का चयन कीवजए:- (1x5=5)
4 | P a g e (ग) गणु िोर् (घ) खेर्ी बाड़ी IV. विए गए शब्िों में वकस शब्ि की वर्तनी सही है ? (क) पररक्षा (ख) ववपर्ी (ग) ववरुद्ध (घ) भगूोवलक V. र्लु सीिास द्वारा रामचररर् मानस की रचना की गयी ह।ैरेखांवकर् मेंकौन-सा कारक है ? (क) कमत कारक ख) सम्बन्ध कारक ग) सम्प्रिान कारक घ)करण कारक VI. वनम्नवलवखर् शब्िों मेंसेजावर्वाचक संज्ञा चवुनए:- (क) प्रेम (ख) अध्यापक (ग) अपनापन(घ) वहिं महासागर VII. प्रत्यर्ू आजकल ध्यानपवूतक पढ़र्ाहै‘मेंसंज्ञा शब्ि कौन-सा है- (क) आजकल(ख) ध्यानपवूतक (ग) प्रत्यर्ू (घ) पढ़र्ा है VIII. मनपुय को अपनी मनपुयर्ानहीं खोनी चावहए- वाक्य मेंभाववाचक संज्ञा शब्ि चनुकर वलवखए:- (क) मनपुय (ख) अपनी (ग) मनपुयर्ा (घ) खोनी चावहए IX. ववद्यालय शब्ि का संवध ववग्रह कीवजए। (क) ववद्या + अलाय (ख) ववद्या + आलाय (ग) ववद्या + आलय (घ) ववद्या + अलाया X. वजसका अंर् नहो वाक्यांश केवलए एक शब्ि बर्ाइए| (क) अंवर्म (ख)प्रारंभ (ग) अनंर् (घ) अंर्र्ः XI. उिार का ववलोम शब्ि बर्ाइए (क) अनिुार (ख) ियालु (ग) उपकारी (घ) वीर XII रामचररतमािस वहन्िओु ंका धावमतक ग्रन्र्थ है रेखांवकर् संज्ञा का भेि बर्ाइए- (क) वयविवाचक संज्ञा (ख) जावर्वाचक संज्ञा (ग) भाववाचक संज्ञा (घ) समहूवाचक संज्ञा प्र08 वनम्नवलवखर् में से वकन्हीं एक ववर्य पर लगभग 80-100 शब्िों में पत्र वलवखए:- (1x5= 5) िीस मािी हर्ेुअपनेववद्यालय केप्रधानाचायतकोपत्रवलवखए। अर्थवा वमत्र को अपनेजन्मविनपर आमंवत्रर् करनेकेवलएपत्रवलवखए। प्र09 वनम्नवलवखर् र्ीन ववर्यों में से वकसी एक पर लगभग 80-100 शब्िों मेंअनच्ुछेि वलवखए:- (1x5= 5) (क) मेरा सबसे प्यारा त्योहार (ख) ववज्ञान के चमत्कार (ग) आजािी का अमर्ृ महोत्सव प्र०10पयातवरण संरक्षण पर िो वमत्रों के बीच हुई बार्चीर् पर एक संवाि वलवखए (1x4=4) अर्थवा मेट्रो में यात्रा कर रहे िो यावत्रयों केमध्य हुई बार्चीर् को संवाि रूप में अपने शब्िों मेंवलवखए|