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Kharidar Second Paper Notes/Handout-Pampas Education 1 | Pampas Education-PSC Preparation Class www.pampaseducation.com.np 9811332116 द्वितीय पत्र (Paper II) : - Contents कायाालय व्यवस्थापन (Office Management) खण्ड (A): 40 अङ्क Section (A): 40 Marks ४ प्रश्नx५ अङ्क = २० अक्क २ प्रश्नx१० अड्ग = २० अङ्क १. कायाालय व्यवस्थापन ....................................................................................................................3 १.१ कार्ाालर् र कर्ाचारी...................................................................................................................3 १.१.१ कार्ाालर् (Office) : पररचर्, र्हत्व, कार्ार प्रकार...............................................................................3 १.१.२ सहार्क कर्ाचारीका कार्ार गणुहरू ..............................................................................................8 १.१.३. कार्ाालर् स्रोत साधन परिचर्, प्रकाि ि उपर्ोग ............................................................................11 १.४.४ कार्ाालर्मा संचािको महत्व, कककसम ि साधन..............................................................................14 १.२ कार्ाालर् कार्ावववि (Office Procedure)..........................................................................................18 १.२.१ पत्रव्र्वहार (Correspondence) ................................................................................................18 १.२.१.१ पररचर्, उद्देश्र् र वचठी/पत्रका गणुहरू ........................................................................................18 १.२.१.२ वचठीका प्रकार (प्रर्ोग र प्राथवर्कताको आिारर्ा) ...........................................................................19 १.२.१.३ दताार चलानी (Registration & Dispatch) ...............................................................................22 १.२.१.४ सचूना (Information/Notice): पररपत्र (Circular), तोक आदेश (Order).................................................26 १.२.२ विप्पणी लेखनर विप्पणी तर्ार पादााध्र्ान वदनुपनेकुराहरू..........................................................................30 १.२.३ प्रवतवेदन लेखन -पररचर्, तर्ार पादााध्र्ान वदनपुनेकुराहरू र प्रकार ................................................................35 १.३ अकिलेख व्र्वस्थापनको परिचर्, अकिलेख चक्र, उद्देश्र् ि आवश्र्कता .......................................................38 १.३.१ अविलेख (Record) : पररचर्, उद्देश्र् र प्रकार.....................................................................................38 १.३.२ अविलेख व्र्वस्थापनर्ा आिवुनक प्रववविको प्रर्ोग................................................................................44 १.३.३ फाइवलड (Filing): पररचर्, आवश्र्कता, वववि एवंतररकाहरू ....................................................................47 १.३.४ अनुक्रर्वणका (Indexing) को पररचर्, र्हत्व र प्रकार.............................................................................50 १.४ बैठक व्र्वस्थापन तथा वनणार् अविलेख (Minuting)................................................................................52 १.५ जनसम्पका र सेवाग्राही गनुासो व्र्वस्थापनको तररका र वववि ..........................................................................56 २.संद्ववधान र नागररक सचेतना...........................................................................................................61 २.१ नेपालको संवविान...................................................................................................................61
Kharidar Second Paper Notes/Handout-Pampas Education 2 | Pampas Education-PSC Preparation Class www.pampaseducation.com.np 9811332116 २.१.१ र्ौवलक हक र कताव्र् ..........................................................................................................61 २.१.२ राज्र्को वनदेशक वसद्धान्त, नीवत तथा दावर्त्व...................................................................................63 २.२ देहार्का संगठनको पररचर् तथा कार्ाहरू.............................................................................................66 २.२.१ अवततर्ार दरुुपर्ोग अनुसन्िान आर्ोग.........................................................................................66 २.२.२ र्हालेखा परीक्षकको कार्ाालर्.................................................................................................67 २.२.३ लोक सेवा आर्ोग .............................................................................................................69 २.२.४ वनवााचन आर्ोग ...............................................................................................................70 २.२.५ रावरिर् र्ानव अविकार आर्ोग.................................................................................................72 २.२.६ प्रिानर्न्त्री तथा र्वन्त्रपररषदक् ो कार्ाालर्.......................................................................................73 २.२.७ संघीर् र्ावर्ला तथा सार्ान्र् प्रशासन र्न्त्रालर् .................................................................................73 २.२.८ संघीर् संसद सवचवालर्........................................................................................................74 २.३ नागररक सचेतना (Civic Conscience) : चाररवत्रक ववकास (Character Development), र्ानवीर् र्ल्ूर् र्ान्र्ता (Human Values), नागररक कताव्र् र दावर्त्व (Civil Rights & Duties) तथा अनुशासनर सकारात्र्क सोच (Discipline & Positive Thinking) ..........................................................................................................................77 ३. सामान्र् गकित.............................................................................................................................87 ३.१ गकितका आधािितू कक्रर्ाहरू तथा ऐककक कनर्म (Fundamental Operations in Mathematics & Unitary Method) ....87 ३.२ किन्न, दशमलव, प्रकतशत ि अनुपात (Fraction, Decimal, Percentage& Ratio)..............................................89 ३.३ नाफा, नोक्सान ि छुट (Profit, Loss & Discount) ..............................................................................95 ३.४ कि, ककमसन ि ह्रासकट्टी (Tax, Commission & Depreciation)...............................................................97 ३.५ साधािि ब्र्ाज ि कमकित ब्र्ाज (Simple Interest & Compound Interest) ...................................................98 ३.६ औसत (Average) ..............................................................................................................101 ३.७ घिार्सी अङ्कगकित (Household/Home Arithmetic) : किजलु ी, पानी ि टेकलफोनको महसुल तथा मद्रुा कवकनमर् सम्िन्धी (Simple problems related electricity, water and telephone bills and money exchange) .................................102 ३.८ क्षेत्रकमकत (Mensuration): लम्वाइ, चौडाई, परिकमकत, क्षेत्रफल ि आर्तन (Length, Breadth, Perimeter, Area & Volume) .......................................................................................................................................103
Kharidar Second Paper Notes/Handout-Pampas Education 3 | Pampas Education-PSC Preparation Class www.pampaseducation.com.np 9811332116 १. कायाालय व्यवस्थापन १.१ कायाालय र कर्ाचारी १.१.१ कायाालय (Office) : पररचय, र्हत्व, कायार प्रकार प्र.न. कायाालयको पररचय द्विई कायाालयको अवधारणागत द्ववकासक्रर्को चचाागनानहोस । उतरः कायाालयको पररचयः • कुनैपवन संगठनकोपूवावनिााररत लक्ष्र् हावसल गनास्थावपत आवथाक,र्ानवीर्,िौवतक स्रोतहरु, प्रववविक र प्रकृर्ाको संर्ोजन सवहतको संर्न्त्र कार्ाालर् हो । • र्सर्ा संगठनको वनर्न्त्रण प्रणाली रहेको हुन्छ । • र्सबाि संगठनको दैवनक प्रशासवनक तथा व्र्वस्थापकीर् कार्ाहरु सम्पादन गररन्छ । • र्सलाई संगठनको स्वर्र् कार्ाको रुपर्ा सर्ेत वलइन्छ । • र्ो संगठन सफलताको आिार स्तम्िको रुपर्ा रहेको हुन्छ । कायाालयको अवधारणात द्ववकासक्रर्ः • सर्ाज र राज्र्व्र्वस्थाको स्थापना संगैकार्ाालर्को अविारणा ववकवसत िएको, • सन्१०००-१३०० सम्र् र्ध्र्र्ुगीन चान्सरीको सर्र्र्ा सरकारी कागजातहरु सुरवक्षत रातनेवा तर्ार सन्दिाको लावग चर्ापत्रको िुक्रालाई लुकाउन वनर्ााण गररएको स्थललाई कार्ाालर्को रुपर्ा वलइएको, • सन्१७२६ र्ा आविनक कार्ाालर्को सुरुवात िएको, • २० औँसतावदीको एफ–डक्लल्र्ुिेलर लगार्तको वैज्ञावनक व्र्वस्थापनको वसद्धान्तअनुरुप चस्ुत दरुुस्त प्र कार्ाालर्को अविारण अवघ सारेका, • नेपालर्ा पवनराज्र्व्र्वस्थाको सुरुवात संगैकार्ाालर्को पवन ववकास िएको तथा सर्र् सर्र्र्ा कार्ाालर्को सम्पदार्ा ववकवसत िएका अविारणाहरुलाई पवननेपाललेआत्र्साथ गदैआएको । र्सरी, संगठनको रक्तसञ्चार तथा पूवाशताको रुपर्ा रहेको कार्ाालर्को सम्बन्िर्ा सर्र्कोपररवतान संगैनवीनतर् अविारणा ववकवसत हुदैआएको पाईन्छ । प्रश्न. द्ववद्विन्न के न्रहरुको रुपर्ा कायाालयलाई पररिाद्वित गनानहोसः् उतरः द्ववद्विन्न के न्रको रुपर्ा कायाालयः संगठनका दैवनक प्रशासवनक तथा व्र्वस्थापकीर् कार्ागरी त्र्सका पूवावनिााररत लक्ष्र् हावसल गनास्थावपत संर्न्त्रको रुपर्ा रहेको कार्ाालर्लाई ववविन्न स्रोतहरुको रुपर्ा देहार् अनुसार पररिावषत गनासवकन्छः • सेवा के न्र, • सञ्चार के न्र, • सुचना के न्र • अविलेख के न्र, • सर्न्वर्न के न्र, • सहर्ोग के न्र, • जन सम्पका के न्र, • व्र्वस्थापन के न्र , • स्र्रण के न्र, • वनर्न्त्रण के न्र आवद । र्सरी, कार्ाालर्लेववविन्न के न्रको रुपर्ा िवूर्का वनवााह गनेहुदाँर्सलाईउवल्लवखत लगार्तका के न्रको रुपर्ा पररवचत गनासवकन्छ । प्रश्न कायाालयका प्रर्नख कायाहरू उल्लेख गनानहोस: ( ् ५) # कायाालयका कायाहरू :- संगठनको वनिााररत लक्ष्र् हावसल गनास्थावपत संर्न्त्रको रुपर्ा रहेको कार्ाालर्का कार्ाहरुलाई आिारितू र व्र्वस्थापकीर् कार्ार्ा वविाजन गरी वनम्नानुसार प्रस्तुत गनासवकन्छ :- (क) आधारिूत / प्राथद्वर्क कायाहरु :-
Kharidar Second Paper Notes/Handout-Pampas Education 4 | Pampas Education-PSC Preparation Class www.pampaseducation.com.np 9811332116 ● सूचना तथा जानकारी प्राप्त गने, ● प्राप्त सूचनाको पराशोिनर वगीकरण गने, ● सूचनाको ववश्लेषण गने, ● पत्रहरू प्राप्त गनेरपठाउने, ● सूचनाको संरक्षण गनेतथा आवश्र्क पदाासम्प्रेषण गने। (ख) सहायका कायाहरू/व्यवस्थाकीय कारयाहरु :- ● संगठनकोनीवत तथा र्ोजना वनर्ााण र सो को कार्ाान्वर्न गने, ● जनशवि प्रावप्त, पररचालनर ब्र्वस्थपन सम्वन्िी कार्ागने, ● कार्ाालर्र्ा उपलब्ि स्रोत सािनको प्रिावकारीपररचालनर व्र्वस्थापन गने, ● अविलेख व्र्वस्थापन गने, ● सेवा प्रवाह गनेतथा सेवाको व्र्वस्थापन गने, ● गुनासो व्र्वस्थापन, द्वन्द्व व्र्वस्थापन, सर्र् व्र्वस्थापन, जोवखर् व्र्वस्थापन, पररवतान, व्र्वस्थापनर वातावरण व्र्वस्थापन लगार्तका व्र्वस्थापकीर् कार्ागने, ● आवथाक वक्रर्ाकलापहरुको संचालानर व्र्वस्थापन गने, ● कार्ाालर्लाई आवश्र्क सार्ग्रीको खररद तथा व्र्वस्थापन गनेआवद । वनस्कषा: संगठन संचालनको वर्र्ोको रुपर्ा रहनेकार्ाालर्लेसंगठनका हरेक गवतवबवि सञ्चालन गरी र्सलाई गवतशील, वदगो र जीवन्त तुल्र्ाउनेआिार तर् गनेकार्ागदाछ । प्रश्न. कायाालयका प्रकार उल्लेख गनानहोस । # कायाालयका प्रकार :- संगठनकापूवावनिााररत लक्ष्र् हावसल गनास्थावपत िौवतक, आवथाक तथा र्ानवीर् स्रोतहरू, प्रवववि र प्रकृर्ाकाेेसंर्ोजन सवहतकोप संर्न्त्रको रूपर्ा रहेको कार्ाालका प्रकारलाई ववविन्न आिारर्ा देहार् बर्ोवजर् उल्लेख गनासवकन्छ ।(क) स्वाद्वर्त्वको आधारर्ा :- ● सरकारी कार्ाालर्, ● व्र्वसावर्क कार्ाालर् र ● सेवा सम्वन्िी कार्ाालर् । (ख) शासकीयको स्वरूपको आधारर्ा:- ● के न्रीर् / संघीर् कार्ाालर्, ● प्रादेवशक कार्ाालर् र ● स्थानीर् कार्ाालर् । (ग) सांगठद्वनक संचारको आधारर्ा ! ● अग्र कार्ाालर् ● र्ध्र् कार्ाालर् र ● पष्ठृ कार्ाालर् । (घ) उपद्वस्थतीको आधारर्ा:- ● प्रत्र्क्ष कार्ाालर् र ● अप्रत्र्क्ष कार्ाालर् । (ङ) क्षेत्रको आधारर्ा :- ● रावरिर् कार्ाालर् र ● अन्तरावरिर् कार्ाालर् । (च) आकारका आधारर्ा:- ● साना कार्ाालर्, ● र्झौल कार्ाालर् र ● ठूला कार्ाालर् । (छ) स्वाद्वयत्वका आधारर्ा !! ● स्थार्ी कार्ाालर् र ● अस्थार्ी कार्ाालर् ।र्सरी, कार्ाालर्लाई ववविन्न आिारर्ा ववविन्न प्रकारर्ा वविाजन गनासवकन्छ र हरेक कार्ाालर्को आफ्नैकार्ार कार्ाक्षेत्ररहेकोहुन्छ। प्रश्न - सरकारी कायाालय िनेको केहो? यसका उिेश्यहरु उल्लेख गनानहोस (५) # सरकारी कायाालय :- आर् नागररकलाई शासन, ववकास र सेवा प्रवाह गनासरकारद्वारा स्थापना र सञ्चालन गररएको कार्ाालर् सरकारी कार्ाालर् हो । ● र्स्तो कार्ाालर्को सम्पूणावजम्र्ेवारी सरकारलेवलएकोहुन्छ । ● र्स्तो कार्ाालर् नाफार्खु ी िन्दापवन सेवार्खू ीहुन्छ । ● वजल्ला प्रशासन कार्ाालर्, र्ालपोत कार्ाालर्, वजल्ला प्रहरी कार्ाालर्, वजल्ला हुलाक कार्ाालर् सरकारी कार्ाालर्काउदाहरण हुन्। ● कताव्र्का आिारर्ा सावाजवनक संस्थाका कार्ाालर् पवन सरकारको स्ववर्त्वर्ा रहेका कार्ाालर् हुन्। जस्तै:- नेपाल ववद्युत प्रािीकरण । सरकारी कायाालयका उद्देश्याहरु :- ● राज्र्बाि आर् नागररकलेपाउनेसेवा सुवबिाहरुनागररक सार्ुपुर्र्ाउनु, ● देशर्ा शावन्त , सुव्र्वस्था तथा अर्न चर्न कार्र् गनुा, ● देशर्ाउन्नत शासनव्र्वस्था कार्र् गरी जनताका अवस्र्कतापूरा गनुा, ● सरकारका दैवनक प्रशासवनक र व्र्वस्थापकीर् कार्ासम्पादन गनुा,