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Nội dung text 10-Lesson 7-आत्मत्राण (रवींद्रनाथ ठाकुर)-Study Material.pdf

पाठ प्रव ఈత కొట్టాల వ్యక్ నీట్య ఎవరై దించ్ల. అత్య దచగ్ర ఉిడ సహాికూ చాచ్ల . కన ఈత కొట్టాల వ్యక తై చే్ట మరికాళట కదిిిైచిమాత అతట ఈతరి కచ్ి. పరీా వె్ళ చి పదద్ ఆశీరది కో వడయ , పదద్ ఆశీస్స ఇసకల కన పరీ తల సరాిర పరీ ీాి. అదేవిర, ఇదదల మ్ళలయ్ ాుక పీటైచి, పీా్ిదషవర్ ఉతససపలసకల, ఇద వర మనోీ్్్ పింేిద, కన వరయ వో ాుక ప్టవ్ల ఉిటిద. పీకత పాిట, కేిల దేడయ ప్ర సవ్మ్ ైమ్తల, అయైపపీపఆాై (భచవిేి) ప్ర తల చా్్ కలకి. ఏ ేపేకటతు, ఏ సిఘగ్షటతు ేిాిసాింూ్య తట కషటపూ్్, భచవిేి ఏమ చాైక్గరద్ కే కలాిటు్ల. అయై ఆాై (కే) తై ప్ే టిడ ఏమ కలాిొల? గవింు్ ఠాగ గిిిై ఈ కేతట గగవని్ై ఆచగ్ సజరపసప దరవర రల బిరగ టిడ హిరటయ అటవదిచల. హిర సహత్్్ ీసిపై్ి చాయిట దరవరరల అదరవాతై కృష చేల. వల చలై ఈ అటవది అస్ కేత (కలప)యక్ 'ఆత్'ట చా్చదగాిూ ఎల ఉించ్ద చూిిిద. आत्मा्
व्पदाओंसर्ुझरबचाओ, यह ्ररी पाररा ा रहीं कर्ल इतरा हो (कर्ा्य) कभी र व्पदा ्ेपाऊँभय। दः ु ख-ताप सरवययरत यचत को र दो सांत्रा रहींसही पर इतरा हो्र (कर्ा्य) दख ु को ्ैकर सकूँसदा जय। कोई कहींसहायक र य्लर तो अपरा बल पौरु र हहलर ; हायर उठारी पडरजगत््ेलाभ अगर ्ंचरा रही तो भी ्र ्ेरा ्ारूँकय।। शब्दार: व्पदा – ्ुसीबत, कर्ा्य – दसू रो पर दया कररर ्ाला, दः ु ख-ताप – कष की पीडा, वययरत – दःुखी, यचत – ्र, सांत्रा – हदलासा, पौरु – पराक्, कय – राव प्ररस पंक्ति कद केंदत भदवः कव् ईशर सर अपरर दःुख ददा क् कररर को रहीं कह रहर है,ं् बल्क ्र उर दःुख दद् को झरलरर की क्ता ्ांग रहर है। वतदातद: प्तुत पंव्यो ्े कव् र्ीन्रार ठाकुर ईशर सर पाररा ा कर रहर हैहक हर! पभुदःुखो और कषो सर ्ुझर बचारर की पाररा ा रहीं कर रहा हूँ। बल्क आप ्ुझर उनहे झरलरर की वव् दे। कषो कर स्य ्े ्ैकभी र डरँ और उरका सा्रा करँ। दःुख की पीडा सर यचंयतत ्ररर ्र को आप हौसला ्त दीलजए परनतुहर! पभु्ुझ ्े इतरा आत्व्शास भर भर दीलजए हक उर तकलीफो पर जीत पा सकूँ। कषो ्े कहीं कोई सहायता कररर ्ाला भी र य्लर तो कोई बात रहीं परनतु्ैसी ल्रयत ्े ्ररा धैया क् रहीं होरा चाहहए। ्ुझर अगर इस संसार ्े हायर भी उठारी पडर और लाभ सर ह्रवा ्ंयचत ही रहरा पडर तो भी कोई बात रहीं पर ्ररर ्र की वव् का कभी क् र हो अराता ््ररा ्र हर पररल्रयत ्े आत्व्शास सर भरा रहे। భావం : "దవ! దుఃి టిడ, బవ్ టిడ ైట్ గకింమ్ లట పర ర ింయి రద. బద్ర, ఆ బవ్ట భరిచ శయక్ మల ుా ఇవర్్ లట కలాిటు్ట. కషటసమాటళ లేచె భాపయట, కషటసమాటళ లట ఎచెభాపయాిూ వీ్ ఎదు్వి. దుఃి త
బవపిేై్ ు మైీయ ద్్ ఎదల్ల శయక్ ఇేర. ఓ ! భచవిేూ లట ప్ కషట్్ అాచమించిగిత ేేరసి ుట ్ింమ. ు కషటటళ ుా సహాి చేవల దగక్్యు పీరరద కన అలిీ పరలర ేటళ ు ోగ్ిమాి తచక్ యద. లట ఈ టకిట ైషట్ట ంేచల, పలిు్ట కటపయు పీరరద, కన ు మైీసయక్ శయక ఎపపీప ుశైి కాిూ ప్ లర ్ట ఆత్ేేరసిత ఉిడ్చి ” అ్ కే గవింు్ ఠకగ రల భచవిేడ్ పర రీకు్ల. ्ररा मा् करो अरुहदर तु् यह ्ररी पाररा ा रहीं बस इतरा हो्र (कर्ाय्) तरररकी हो वव् अरा्य। ्ररा भार अगर लघुकरकरर दो सांत्रा रहींसही। कर्ल इतरा रखरा अरुरय- ्हर कर सकूँइसको यरभया । रत यवर होकर सुख करहदर ्े त् ्ुख पहचारूँयिर-यिर ्े। दः ु ख-रावम ्ेकरर्ंचरा ्ररी लजस हदर यरलखल ्ही उस हदर ऐसा हो कर्ा्य, तु् पर करँरहींकुि संवय।। शब्दार: मा् – भय यर्ार् , अरुहदर – पयतहदर, तररर – पार कररा, अरा्य – रोग रहहत, लघु– क्, सांत्रा – हौसला, तसली दररा, अरुरय- व्रय, यरलखल – समपू्,ा प्ररस पंक्ति कद केंदत भदवः , हकसी भी पररल्रयत ्े ्ार् कर ्र ्े भग्ार पयत संदरह र हो। वतदातद: इर पंव्यो ्े कव् र्ीन्रार ठाकुर ईशर सर पाररा ा कर रहर हैहक हर! पभु्ररी आपसर यह पाररा ा रहीं है हक आप पयतहदर ्ुझर भय सर दरू रखे। आप कर्ल ्ुझर यररोग अराता ् ्््र रखे ताहक ्ैअपरी वव् कर सहारर इस संसार रपी सागर को पार कर सकूँ। ्ररर कषो कर भार को भलर ही क् र करो और र ही ्ुझर तसली दो। आपसर कर्ल इतरी पाररा ा है हक ्ररर अंदर भरपूर धीरज डाले ताहक ्ैसारी पररवायरयो का डट कर सा्रा कर सकूँ। सुख कर हदरो ्े ्ैआपको एक क् कर यलए भी र भूलूँअराता ्हर क् आपको याद करता रहूँ। दःुख भरी रात ्े भी अगर कोई ्ररी ्दद र करर तो भी पभु्ररर ्र ्े आपकर पयत कोई संदरह र हो इतरी ्ुझर वव् दररा।
భావం : ఈ పిాక్ట కే గవింు్ ఠాగ భచవిేడ్ ఈ ేవిర వికిటు్ల, "ఓ! దవ ప్ుతైట్ భా్యదగిర ఉింమ్ లట మమ్ి్ అయచట. మల ైట్ అుుర్్యదగిర అిట ఆుచ్ిర ఉింిడ తదరీ లట ు శయక సహాిత ఈ పపిిక సము్్ ద్చ్ట. ు బవ్ భీ్్ తగ్ింా, ైట్ ఓదగరా.లట అ్్ సమస్్ట ోగ్ిర ఎదు్చిగల ోీ్్్ ్ిపమ్ మా ు ేై్పి. సితషకగతై ుోటళ కూ మమ్ి్ ఒక్ ీషికూ మగి్కయద అిట ప్ ీషి మమ్ి్ స్రింాిుల ఉిొట. ఒకవా దుఃిత ్ిడై ీాట ఎవషుా సహాి చాక్యు మ ప్ళు మైీసట ఎటవిీ సిదసి ీాిూ శయక్ పసదింిడ.” क) किमिकलकखर प्ि केउत् ्दकिए- 1. कव् हकससर और कया पाररा ा कर रहा है? ज्ाब) कव् भग्ार पर अपार व्शास रखरर ्ाला है। ्ह ईशर सर पाररा ा कर रहा है हक “ उसर अपरर जी्र ्े आरर्ाली ्ुसीबतो का सा्रा कररर की और उसको सहर कररर की वव् पदार करे। यरभया सर व्पवतयो का सा्रा कर सकर। संकट ्र स्य जी्र ्े हकसी की सहायता र य्लरर पर भी आत्व्शास, वारीररक बल दबुला र होरर दे। अतः ्ह भग्ार सर पाररा ा करता है हक ्र उसर व्पवतयो को सा्रा कररर की दे। 2. व्पदाओं सर ्ुझर बचाओ, यह ्ररी पाररा ा रहीं - कव् इस पंव् कर दारा कया कहरा चाहता है? ज्ाब) प्तुत पंव् ्े कव् यह कहरा चाहता है हक हर भग्ार आप चाहर तो ्ुझर दःुख, संकट या ्ुसीबत दीलजए और आप चाहर उरसर ्ुझर र बचाइए परंतुउनहे डटकर सा्रा कररर की वव् दीलजए। डटकर सा्रा कररर की वव् दीलजए। कषो कर भय सर ्ुव् हदलाइए। डरपोक या भयग्त रहीं अवपतु्ुसीबतो का सा्रा आत्व्शास कर सार कररर की वव् दीलजए। 3. कव् सहायक कर र य्लरर पर कया पाररा ा करता है? ज्ाब) व्परीत स्य ्े कोई सहायता कररर ्ालर र य्लरर पर कव् भग्ार सर व्रती करत है हक हर पभु्ररर संकट कर स्य कोई भी सहायता कररर्ालर र य्लरर पर भी ्ुझर कोई आपवत रहीं है। परंतुउस स्य उस संकट का ्ुझर सा्रा कररर का आत्व्शास पदार कीलजए। पू्ा आत्व्शास कर सार बाधाओं पर व्जय पार कररर की वव् पदार करर। यही पाररा ा कव् कर रहा है।

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