Nội dung text Ancient & Medieval History.pdf
अध्याय 1 भारत मेंप्रागैतिहासिक संस्कृतियाँ भारत दुनिदु या की सबसे पुरानी सभ्यताओं मेंसे एक है। इसका इतिहास हज़ारों सालों मेंमानव विकास और सांस्कृतिक विकास का प्रमाण है। अतीत के युगों के इस समृद्ध ताने-बाने(tapestry) को तीन मुख्य चरणों मेंवर्गीकृत किया जा सकता है- प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric Age), आद्य ऐतिहासिक काल (Protohistory) और ऐतिहासिक काल (History)- यह प्रत्येक चरण भारतीय समाज को आकार देने वालेजटिल परिवर्तनों पर प्रकाश डालता है। इन परिवर्तनों मेंसामाजिक, तकनीकी और सांस्कृतिक शामिल हैं। ● प्रागैतिहासिक काल मेंलेखन प्रणाली का विकास नहीं हुआ था, यह लिखित अभिलेखों सेपहलेकी अवधि का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अंतर्गत मानव समाज का इतिहास मुख्य रूप से पुरातत्व साक्ष्यों, जीव विज्ञान, नृविज्ञान और भूविज्ञान जैसेक्षेत्रों सेप्राप्त अंतर्दृष्टि के माध्यम सेजाना/समझा जाता है। ● आद्य ऐतिहासिक काल परिवर्तन का काल है, जब मानव ने लेखन का उपयोग करना शुरू किया था, लेकिन उस समय की लिपियां या तो पूरी तरह समझी नहीं गई हैं। यह समय अपठनीय लिपियों और प्रतीकों द्वारा जाना/समझा जाता है, जो प्रारंभिक संगठित सभ्यताओं की एक झलक प्रदान करता है, लेकिन आज हमारेपास लिखित दस्तावेज़ों का अभाव है। ● ऐतिहासिक काल वह काल है जब लेखन और लिखित दस्तावेज उपलब्ध हुए। इनके माध्यम सेसमाजों, घटनाओं/युद्धों और व्यक्तियों के पास व्यापक जानकारी और रिकॉर्ड उपलब्ध हो सके। मानव विकास और प्रारंभिक होमिनिड्स (मानव) मानव का विकास लगभग 6 मिलियन वर्ष पहलेअफ्रीका मेंहुआ था। इस विकास मेंऑस्ट्रेलोपिथेकस, होमो हैबिलिस और होमो इरेक्टस जैसेहोमिनिड्स महत्वपूर्ण भूमिका मेंहैं। चार्ल्स डार्विन के प्राकृतिक चयन के सिद्धांत नेइस प्रक्रिया को समझनेका आधार प्रदान किया, इस सिद्धांत के अंतर्गत अनुकूली लक्षणों और उत्तरजीविता/जीवित रहने के तंत्रों पर प्रकाश डाला गया, जिसके कारण अंततः होमो सेपियंस और होमो सेपियंस सेपियंस (यह होमो सेपियंस की एक उप-प्रजाति है) का विकास हुआ। मानव विकास में प्रारंभिक होमिनिड्स की प्रमुख विशेषताओंको निम्नलिखित तालिका मेंसंक्षेपित किया गया है: प्रजाति समयावधि मुख्य विशेषताएं ऑस्ट्रेलोपिथेकस 5.5 मिलियन से 1.5 मिलियन वर्ष पहले द्विपाद चाल/दो पैरों पर चलना (Bipedal), छोटा मस्तिष्क (400 cc), और पेट बाहर निकला हुआ (pot-bellied appearance) होमो हैबिलिस 2 से 1.5 मिलियन वर्ष पहले कुशल औजार निर्माता (Skillful toolmaker), बड़ा मस्तिष्क (500-700 cc) होमो इरेक्टस 1.8 से 1.6 मिलियन वर्ष पहले 800-1200 cc का मस्तिष्क, मजबूत खोपड़ी, आग की खोज, और महाद्वीपों मेंव्यापक यात्रा होमो सेपियन्स 230,000 से 30,000 वर्ष पहले बड़ा मस्तिष्क, भौंह-शिखा का अभाव, संकीर्ण श्रोणि (narrower pelvis), और जटिल व्यवहार के प्रारंभिक रूपों का प्रदर्शन होमो सेपियन्स सेपियन्स 115,000 वर्ष पहलेसे अब तक आधुनिक मानव, मस्तिष्क की क्षमता 1200-2000 cc; होमो वंश के केवल जीवित सदस्य भारत मेंप्रथम मानव भारत में होमो सेपियंस के आगमन पर दो मुख्य दृष्टिकोण हैं: "प्रारंभिक संस्करण (early version)" और "बाद का संस्करण (late version)"। प्रारंभिक संस्करण सेपता चलता हैकि मानव लगभग 74,000 से120,000 साल पहलेअफ्रीका सेअरब प्रायद्वीप केरास्ते भारत आए, येअपनेसाथ मध्य पाषाण काल के औजार लायेथे। यह संभवतः 74,000 साल पहलेसुमात्रा मेंहुए टोबा सुपरवोलकेनिक विस्फोट सेपहलेहुआ था। बाद के संस्करण सेपता चलता हैकि मानव लगभग 50,000 से60,000 साल पहलेभारत आए, येअपने साथ माइक्रोलिथिक औजार माइक्रोलिथिक औजारों के साथ लाये थे। आंध्र प्रदेश के ज्वालापुरम सेप्राप्त साक्ष्य सेज्ञात होता हैकि इस क्षेत्र मेंप्रारंभिक मानव की उपस्थिति टोबा सुपरवोलकेनिक विस्फोट सेपहलेथी, वहां के पुरापाषाण निवासी ज्वालामुखीय राख गिरनेके बावजूद भी बच गए थे/जीवित रहेथे, जबकि आनुवंशिक अध्ययन सामान्यतः बाद के संस्करण का समर्थन करतेहैं, जिसमेंमानव का प्रवास लगभग जो 70,000 साल पहलेमाना जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप मेंप्रमुख जीवाश्म खोजों में शामिल हैं: ● रामापिथेकस और शिवापिथेकस: पाकिस्तान के पोटवार पठार (शिवालिक पहाड़ियाँ) सेमिलेशुरुआती जीवाश्म खोपड़ी 1