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Nội dung text तत्सम-तद्भव शब्द.pdf

ह िंदी व्याकरण तत्सम-तद्भव शब्द
(1) तत्सम-तद्भव शब्द तत्सम शब्द ‘तत्’ तथा ‘सम’ के मेल सेतत्सम शब्द बना है। ‘तत्’ का अथथहोता है-‘उसके’ तथा ‘सम’ का अथथहै‘समान’ । अथाथत्उसके समान, ज्यों का त्यों। अतः ककसी भाषा मेंप्रयुक्त उसकी मूल भाषा के शब्द जब ज्यों के त्यों प्रयुक्त होतेहैं, तत्सम शब्द कहलातेहैं। तत्सम शब्द की परिभाषा :- “हिन्दी की मूल भाषा संस्कृ त िै, अतः संस्कृ त भाषा के जो शब्द हिन्दी भाषा मेंअपरिवर्ततत रूप मेंज्यों के त्यों प्रयुक्त िो ििेिैं, हहन्दी भाषा के तत्सम शब्द कहलातेहैं।” जैसे- अग्नि, आम्र, कर्थ, दग्धु , कमथ, कृ ष्ण। तद्भव शब्द तद्भव शब्द संस्कृ त ववकास सेउत्पन्न होनेवाला शब्द है। तद्भव शब्द दो बहुत ही महत्वपूर्थशब्दों सेममलकर बना हुआ है। तद्भव शब्द तत्और भव शब्द के ममलाप सेबना हुआ है। जहां तत्शब्द का अर्थउससेऔर भव शब्द का अर्थउत्पन्न होता है, अथाथत तद्भव शब्द का शाग्नब्दक अर्थ ककसी अन्य प्राचीन शब्द सेउत्पन्न हुआ शब्द है। संस्कृ त भाषा के शब्दों मेंननरंतर धीरे-धीरेपररवतथन आता गया और संस्कृ त भाषा के नए-नए शब्द प्रचललत होनेलगे। तद्भव शब्द संस्कृ त भाषा की ओर संके त करता है, अथाथत तद्भव शब्द की उत्पलि संस्कृ त भाषा सेही हुई है। तद्भव शब्द की परिभाषा ऐसेशब्द लजन्हेंसंस्कृ त भाषा सेउठाकर ककसी अन्य भाषा मेंप्रयुक्त कर ललया जाता हैऔर इन शब्दों के ध्वनन मेंकु छ गंभीर पररवतथन नहीं होता, परंतुइन शब्दों की लेखनी बदल जाती है, ऐसे शब्द तद्भव शब्द कहलातेहैं।
(2) तत्सम-तद्भव शब्द तद्भव शब्द के उदाििण तद्भव शब्द प्राचीन शब्द आधा अधथ अनजान अज्ञान आससस आशीष अच्छर अक्षर अंगुली अंगुलल उल्लू उलूक तत्सम तद्भव शब्द को पिचाननेके ननयम 1. तत्सम शब्दों के पीछे‘क्ष‘ वर्थका प्रयोग होता हैऔर तद्भव शब्दों के पीछे‘ख‘ या ‘छ‘ शब्द का प्रयोग होता है। जैसे– अक्षर = अक्छर, आखर पक्षी = पंछी 2. तत्सम शब्दों में‘र‘ की मात्रा का प्रयोग होता है। जैसे– अमृत = अमीर आम्र = आम
(3) तत्सम-तद्भव शब्द 3. तत्सम शब्दों में‘ऋ’ की मात्रा का उपयोग होता है। जैसे– 4. तत्सम शब्दों में‘श्र’ का प्रयोग होता हैऔर तद्भव शब्दों में‘स‘ का प्रयोग हो जाता है। जैसे– धन्नश्रेष्ठी = धन्नासेठी 5. तत्सम शब्दों में‘व‘ का प्रयोग होता हैऔर तद्भव शब्दों में‘ब’ का प्रयोग होता है। जैसे– वन = बन 6. तत्सम शब्दों में‘ष’ वर्थका प्रयोग होता है। जैसे– कृ षक = ककसान 7. तत्सम शब्दों में‘श’ का प्रयोग होता हैऔर तद्भव शब्दों में‘स’ का प्रयोग हो जाता है। जैसे– कदपशलाका = कदया सलाई तत्सम तद्भव तत्सम तद्भव चन्द्र चााँद ग्राहक गाहक मयूर मोर ववद्युत नबजली वधू बहू नृत्य नाच
(4) तत्सम-तद्भव शब्द तत्सम तद्भव तत्सम तद्भव चमथ चमडा गौ गाय ग्रीष्म गमीी अज्ञानी अज्ञानी अकस्मात् अचानक अग्नि आग आलस्य आलस उज्ज्वल उजला कमथ काम नवीन नया स्वर्थ सोना शत सौ श्रंगार ससिंगार सपथ सााँप कू प कु आाँ कोककल कोयल मृत्यु मौत सप्त सात घृत घी दमध दही दग्धु दूध धूम्र धुआाँ दन्त दााँत लछद्र छेद अमूल्य अमोल आश्चयथ अचरज अश्रु आाँसू कर्थ कान कृ षक ककसान ग्राम गााँव हस्ती हाथी आम्र आम मलक्षका मक्खी शकथ र शक्कर सत्य सच हस्त हाथ

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