Nội dung text आगरा मंडल.pdf
तशल्प, संस्कृ ति, भोजन की पारंपररक तवतवधिा, और लोक प्रदशयन का प्रदशयन है। गज़ल और मुशैरस (कतविा) प्रदशयन व अन्य है। बच्ों के तलए ऊं ट और हाथी की सवारी होिी है।त्यौहार उत्साह के साथ वसंि ऋिु का स्वागि करिा है। महोत्सव एक भव्य जुलूस के साथ शुरू होिा है तजसने ऊं टों और हातथयों, लोक कलाकारों को डर मबीटर के साथ सजाया है। िाज महोत्सव के कु छ बेहिरीन आकषयणों में लखनऊ के तचकनकारी, बडोही के हस्ततनतमयि कालीन, सहारनपुर की लकडी की नक्काशी, वाराणसी से रेशम,खुजाय से नीली तमट्टी के बियन, राजस्थान से सपेरा नृत्य, उत्तर प्रदेश के नौटंकी, महाराष्टरसेलावणी, और इसी िरह शातमल हैं। बेटेश्वर मेला इसका नाम राष्टरपति देविा बेटेश्वर महादेव के नाम पर रखा गया है।यह शहर अपनेसांस्कृतिक और आध्यात्विक महि के तलए जाना जािा है क्ोंतक इसमें कई तहंदू देविाओं और देवी के 108 मंतदर हैं। अक्टू बर / नवंबर के महीनों में भगवान तशव को समतपयि एक वातषयक मेला आयोतजि तकया जािा है। इस महीने के दौरान,यहोवा के हजारों भक्त यमुना नदी के पतवत्र जल में डुबकी लेिे हैं। पशुधन और पशु मेला इस मेले का एक तहस्सा है। राम बराि दशहरा से पहले आयोतजि, राम बरि भगवान राम का तवशेष तववाह जुलूस है, जो हर साल आगरा में आयोतजि तकया जािा है। यह रामलीला का एक तहस्सा है,जो दशहरा के तदन समाप्त होिा है, जब भगवान रावण को मार देिे हैं। एक तवशेष स्थान पर देवी सीिा, राजा जनक, ‘जनकपुरी’ का महल स्थातपि है। यह स्थल मेले के तलए आधार बन जािा है, तजसे भगवान के हजारों भक्तों द्वारा देखा जािा है जो शाही शादी को देखने के तलए आिे हैं।राम बराि का जुलूस लाला चोनोमालजी की बारादारी से शुरू होिा है, जो शहर के गतलयों से घूमिा है, जनकपुरी स्थल पर पहुंचने के तलए। हातथयों पर अपने भाइयों के साथ भगवान राम की मूतिय, चांदी के पत्तों से सजाए गए तवशेष रथ पर रखी जािी है। कै लाश मेला कै लाश मेला कै लाश मंतदर में भगवान तशव को श्रद्धांजतल अतपयि करने के तलए आयोतजि तकया जािा है। त्योहार का आयोजन भगवान तशव की उपत्वस्थति को पत्थर तलंगम के रूप में मनाने के तलए अगस्त / तसिंबर के महीने में आयोतजि तकया जािा है। आस-पास के स्थानों से भक्त इस मेले मेंभाग लेिे हैं। स्मारक o िाजमहल o आगरा तकला o ििेहपुर सीकरी (बुलंद दरवाजा) o तसकं दरा (अकबर का मकबरा )\ o दयाल बाग मंतदर o बटेश्वर मंतदर o एिाद दुआलाह o चीनी का रौजा