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प्रथम सत्रीय परीक्षा 2021-22 कक्षा - दसव ीं ह ींदी (सेट–ए) समय : 3.00 घंटे अधिकतम अींक : 80 सामान्य निर्देश- 1. इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं-खंड 'अ' और खंड 'ब'। 2. खंड 'अ' में कुल 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं,जिनमें से के वल40 प्रश्नों के ही उत्तर देने होंगे। 3. खंड 'ब' में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों में उचित आंतररक ववकल्प ददए गए हैं। ददए गए ननदेशों का पालन करते हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। ________________________________________________________________________ खंड-'अ' (वस्तपु रक प्रश्ि (40 अंक) प्रश्ि 1.(1) नीिे एक गद्ांश दद्ा ग्ा है। गद्ांश को ध््ानपवूकण पदिए और उस पर आधाररत प्रश्नों के सही उत्तर ववकल्पों में से िनुनए-. (1×5=5) ववश्व के प्रा्ः समस्त महापरुुषों के िीवनवत्तृ , अमेररका के ननमाणता िॉिण वॉशशगं टन और राष्ट्रपनत शल ंकन से लेकर भारत के राष्ट्रवपता महात्मा गांधी और भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादरु शास्त्री के िीवन-िररत्र हमें ्ह शशक्षा देते हैंकक महानता का रहस्् संघषणशीलता, अपरािे् व््जततत्व है। इन महापरुुषों को िीवन में अनेक संकटों का सामना करना पडा, परंतुवे घबराए नहीं,संघषण करते रहे और अंत में सफल हुए। संघषण के मागण में अके ला ही िलना पडता है। कोई बाहरी शजतत आपकी सहा्ता नहीं करती है। पररश्रम, दृढ इच्छाशजतत व लगन आदद मानवी् गर्ु व््जतत को संघषण करने और िीवन में सफलता प्राप्त करने का मागण प्रशस्त करते हैं। समस््ाएँ वस्ततु ः िीवन का प्ाण् है। ्दद समस््ाएँन हों, तो आदमी प्रा्ः अपने को ननजष्ट्ि् समझने लगेगा। ्े समस््ाएँ वस्ततु ः िीवन की प्रगनत का मागण प्रशस्त करती हैं। समस््ा को सलु झाते सम्, उसका समाधान करते सम् व््जतत का श्रेष्ट्ठतम तत्व उभरकर आता है। धमण, दशणन, ज्ञान, मनोववज्ञान इनहीं प्र्त्नों की देन है। परुार्ों में अनेक कथाएँ ्ह शशक्षा देती हैं कक मनष्ट्ु् िीवन की हर जस्थनत में िीना सीखे व समस््ा उत्पनन होने पर उसके समाधान के उपा् सोिे। िो व््जतत जितना उत्तरदान्त्वपर्ू ण का्ण करेगा, उतना ही उसके समक्ष समस््ाएं आएंगी और उनके पररप्रेक्ष्् में ही उसकी महानता का ननधाणरर् कक्ा िाएगा। (i) ववशभनन महापरुुषों ने ककस प्रकार िीवन में सफलता प्राप्त की? (क) अचधक धन कमाकर। (ख) मसु ीबतों से घबराकर। (ग) ननडरता के साथ संघषों का सामना कर। (घ) सादा िीवन व््तीत कर। (ii) व््जतत का श्रेष्ट्ठतम तत्व कब उभरकर सामनेआता है? (क) िब वह अपने शलए का्ण करता है। (ख) समस््ाओं का समाधान करते सम्। (ग) िब वह समस््ाओं का सामना करता है। (घ) समस््ाओं से घबरा िाने पर। (iii) परुार्ों की ववशभनन कथाएं हमें त्ा शशक्षा देती हैं? (क) मनष्ट्ु् पररश्रम करे। (ख) मनष्ट्ु् सखु -िैन से रहे। (ग) मनष्ट्ु् सतं ष्ट्ुट रहे। (घ) मनष्ट्ु् प्रत््ेक पररजस्थनत में िीना सीखे। (iv) महानता का रहस्् त्ा है? (क) धाशमणक होना। (ख) संघषणशीलता तथा अपरािे् व््जततत्व। (ग) बडे-बडेका्ों को करना। (घ) महान लोगों से शमलना (v) ककस मागण पर हमें अके ले ही िलना पडता है? (क) िीवन के मागण पर (ख) अपने घर के मागण पर। (ग) संघषण के मागण पर (घ) लक्ष््-मागण पर।
प्रश्ि 1.(2) िीचे एक गदयांश दर्दया गया है। गदयांश को ध्यािपवूकव पदिए और उस पर आधाररत प्रश्िों के सही उत्तर ववकल्पों से चनुिए -. (1×5=5) देश-प्रेम हैत्ा? प्रेम ही तो है! बबना पररि् के प्रेम नहीं हो सकता। इस प्रेम का आलंबन त्ा है? सारा देश अथाणत्मनष्ट्ु्, पश-ुपक्ष,नदी-नाले, वन-पवणत, सागर अथाणत सारी भशूम और उसके सभी िीव- देश ही तो है। ्ह प्रेम ककस प्रकार का है? ्ह साहि्णगत प्रेम है। जिनके बीि हम रहते हैं, जिनका हमारा हर घडी साथ रहता है, जिनहें हम रोज़ आँखों से देखते हैं, जिनकी बातें हम हर रोज़ सनु ते हैंअथाणत् जिनके साजननध्् के हम अभ््स्त हो िाते हैं, उनके प्रनत राग ्ा लोभ हो सकता है। बबना पररश्रम के प्रेम नहीं हो सकता है। ्दद प्रेम वास्तव में अंतःकरर् का कोई भाव है, तो देश के स्वरूप से पररचित और अभ््स्त हो िाइए। बाहर ननकशलए,तो आँख खोलकर देखखए कक खेत कै से लहलहा रहे हैं, नाले झाडड्ों के बीि कै से बह रहे हैं, टेसू के फूलों से वनस्थली कै से लाल से रही है। कछारों में िौपा्ों के झुंड इधर-उधर िरते हैं, िरवाहे तान लडा रहे हैं, अमराइ्ों के बीि गाँव झाँक रहे हैं, उनमें घशुसए, देखखए तो त्ा हो रहा है। िो शमले, उससे दो-दो बातें कीजिए, उनके साथ ककसी पेड की छा्ा के नीिे घडी-आध -घडी बैठ िाइए इसशलए कक वे सब हमारे देश के हैं। इस प्रकार िब देश का रूप आपकी बदुचध में समा िाएगा,आप उनके अंग-प्रत््ंग से पररचित हो िाएंगे, तब आपके अंतःकरर् में इस इच्छा का सिमिु उद् होगा कक वह कभी न छूटे, वह सदा हरा-भरा और फला-फूला रहे, उसके धनधान् की वदृचध हो, उसके सभी प्रार्ी सखु ी रहें। (i) 'अभ््स्त' से त्ा तात्प्ण है? (क) शत्रतु ा होना। (ख) समझ न आना। (ग) अच्छी तरह सीखा हुआ। (घ) उदास हो िाना। (ii) पररि् को प्रेम का प्रवतणक कै से कहा िा सकता है? (क) बबना पररि् के घर्ृ ा नहीं हो सकती। (ख) सबसे पररि् करना ज़रूरी नहीं। (ग) सबसे पररि् करना िादहए। (घ) बबना पररि् के प्रेम हो ही नहीं सकता। (iii) देश ककसे कहा ग्ा है? (क) लोगों के शमल-िुलकर रहने को। (ख) देश के प्राकृनतक और भौगोशलक स्वरूप को। (ग) देश के खेतों को। (घ) नदद्ों के िाल को। (iv) देश के स्वरूप को भली प्रकार से समझने के शलए त्ा करना िादहए? (क) पस्ुतकों को पिना िादहए। (ख) सादहत्् को पिना िादहए। (ग) देशवाशस्ों के साथ बैठकर बातिीत करनी िादहए। (घ) वहाँके खान-पान की िानकारी लेनी िादहए। (v) देश के रूप-सौंद्ण से अभ््स्त हो िाने के शलए हमें त्ा करना िादहए? (क) उसके भौगोशलक स्वरूप से पररचित होना िादहए। (ख) लोगों के बीि रहना िादहए। (ग) देश की वस्तओु ं से प्रेम करना िादहए। (घ) उप्तुण त सभी। प्रश्ि 2 (1) निम्िलिखखत पांच प्रश्िों मेंसेककन्हीं चार के सही उत्तर चनुिए:-. (1×4=4) (i) ओस की बदूं ें धीरे-धीरे चगरीं। रेखांककत में कौन-सा पदबंध है? (क) संज्ञा पदबंध। (ख) कि्ा-ववशेषर् पदबंध (ख) ववशेषर् पदबंध। (घ) सवणनाम पदबंध (ii) शक्ततशािी िोग ही कदठन का्ों को करते हैं।- वात् में रेखांककत पद समहू कौन-सा पदबंध है? (क) संज्ञा पदबंध। (ख) कि्ा पदबंध (ग) सर्वनाम पदबंध। (घ) ववशेषर् पदबंध (iii) दर्दि मेंचार घंटे सोिे वािा वह आि एक घंटा भी सो नहीं पा्ा। - रेखांककत पदबंध का सही नाम त्ा है? (क) ववशेषर् पदबंध। (ख) संज्ञा पदबंध (ग) सवणनाम पदबंध। (घ) कि्ा-ववशेषर् पदबंध