Content text 5. अंतर्राष्ट्रीय संगठन.pdf
राजनीति तिज्ञान अध्याय-5: अ ं िराष्ट्ा र ीय संगठन
(1) 05 अंतर्राष्ट्रीय संगठन अंतर्र्रष्ट्रीय संगठन:- अंतर्राष्ट्रीय संगठन अपने उद्देश्यों में व्यरपक होते हैं। जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर् पर् वििरदों के समरधरन तथर शरंतत ि सुर्क्षर स्थरवपत कर्ने में ि विभिन्न देशों के मध्य सौहरदापर् ू ा िरतरिर्र् कर तनमरार् कर्ने में महत्िप ू र्ा ि ू भमकर तनिरते हैं। अंतर्र्रष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकतर:- क ु छ समस्यरएं ऐसी होती है। जजससे तनपटनर ककसी एक देश के भिए आसरन नही होतर ऐसे में अंतर्र्रष्ट्रीय संगठन मदद कर्तर है। अंतार्रष्ट्रीय वििरदों को शरंततप ू र्ा ढंग से समरधरन तनकिनर। य ुद्धों की र्ोकथरम में सहरयक। विश्ि के आर्थाक विकरस में सहरयक। प्ररक ृ ततक आपदर, महरमरर्ी से तनपटनर। अन्तार्रष्ट्रीय सहयोग को बढरिर देनर। िैजश्िक तरपिद्ृ र्ध से तनपटनर। म ु ख्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन:- • िीग ऑफ़ नेशंस • संय ु क्त र्रष्ट्र संघ • विश्ि बैंक • विश्ि व्यरपरर् संगठन • अंतर्राष्ट्रीय म ुद्रर कोष • एमेनेस्टी इंटर्नेशनि • ह्य ू मन र्रइट्स िरच। • अन्तर्राष्ट्रीय र्ेड क्ररस सोसरयटी
(2) 05 अंतर्राष्ट्रीय संगठन सय ु क्त र्रष्ट्र संघ UNO:- स्थरपनर 24 OCT 1945 सदस्य 193 म ु ख्यरलय न्य ू यॉका 24 अक्टू बर् 1945 को संय ु क्त र्रष्ट्र संघ UNO की स्थरपनर की गई। UNO िीग ऑफ नेशन्स कर उत्तर्रर्धकरर्ी है। सय ु क्त र्रष्ट्र संघ की स्थरपनर के समय संय ु क्त र्रष्ट्र संघ में 51 सदस्य थे। िरर्त िी इसके संस्थरपक सदस्यों में शरभमि थर। मई 2013 तक इसके सदस्यों की संख्यर 193 हो गयी है। 193िराँसदस्य दक्षक्षर्ी सूडरन है। िरर्त इसकर सदस्य 30 oct 1945 में हु आ। सय ु क्त र्रष्ट्र संघ के उद्देश्य:- • अंतर्र्रष्ट्रीय झगडो को र्ोकनर। • र्रष्ट्रों के बीच मे सहयोग की र्हर ददखरनर। • अगर् ककसी देश मे यद्ु ध तछड़ जरए तो शत्र ुतर के दरयर्े को कम कर्नर। • प ूर्े विश्ि के भिए सरमरजजक, आर्थाक, विकरस के भिए करया कर्नर। • आपदर, महरमरर्ी आदद अन्य ककसी समस्यर में मदद कर्नर। संय ु क्त र्रष्ट्र संघ के अंगों के नरम:- • सुर्क्षर परर्षद • अंतर्र्रष्ट्रीय न्यरयरिय • सर्चिरिय • आम सिर • न्यरभसतर परर्षद • आर्थाक और् सरमरजजक परर्षद
(3) 05 अंतर्राष्ट्रीय संगठन सुर्क्षर परर्षद्:- सय ु क्त र्रष्ट्र संघ कर सबसे शजक्तशरिी अंग सुर्क्षर परर्षद् है इससे क ु ि 15 सदस्य है इसमें परंच स्थरयी सदस्य (अमेरर्कर, रूस, ब्रिटेन, फ्रंस और् चीन) तथर दस अस्थरयी सदस्य है जो दो िषों की अिर्ध के भिए च ु ने जरते है। स्थरयी सदस्यों को िीटो (तनषेधरर्धकरर्) की शजक्त प्ररप्त है। शीत य ुद्ध के बरद से ही संय ु क्त र्रष्ट्र में इसके ढराँचे एिं करया कर्ने की प्रकक्रयर दोनों में सु धरर् की मरंग जोर् पकड़ने िगी। सुर्क्षर परर्षद् में स्थरयी ि अस्थरयी सदस्यों की संख्यर बढरने पर् बि ददयर गयर। इसके अततरर्क्त गर्ीबी, ि ू खमर्ी, बीमरर्ी, आतंकिरद पयरािर्र् मसिे एिं मरनिरर्धकरर् आदद म ुद्दो पर् संय ु क्त र्रष्ट्र की ि ू भमकर को ओर् अर्धक सकक्रय बनरने पर् बि ददयर गयर। महरसचिव:- महरसर्चि संय ु क्त र्रष्ट्र संघ कर प्रतततनर्ध होतर है। ितामरन महरसर्चि कर नरम एंटोतनयो ग ुटेर्ेस (प ुतगा रि) है। वीटो पॉवर् (ननषेधरचधकरर्):- िीटो संय ु क्त र्रष्ट्र संघ के सुर्क्षर परर्षद् के स्थरयी सदस्य देशों को प्ररप्त िह अर्धकरर् है जजसके आधरर् पर् कोई िी देश इसके फै सिेके खखिरफ जरकर् फै सिेको र्ोक सकतर है। सर्ुक्षर परर्षद् में परंच स्थरयी सदस्य और् 10 अस्थरयी सदस्य है। क ु ि 15 सदस्य है जजनमें प्रत्येक की िोट की म ू ल्य 1 है। 2006 तक वीटो परवर् कर उपयोग:- • अमेरर्कर = 82 बरर् • चीन = 4 बरर् • रूस = 122 बरर् • फ्रंस = 18 बरर् • ब्रिटेन = 32 बरर्