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Content text Chapter 8 सौर विकिरण , ऊष्मा संतुलन एवं तापमान.pdf

भूगोल अध्याय-8: सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एिं तापमान
(1) 09 सौर विकिरण, ऊष्मा संतु लन एिं तापमान सौर विकिरण:- पथ् ृ वी की सतह पर ऊर्जा कज प्रम ु ख स्त्रोत सू र्ा है। सू र्ा अत्र्धिक गमा, गैस कज पपण्ड है। इसके पष् ृठ कज तजपमजन 6000° सेल्ससर्स है। र्ह गैसीर् पपण्ड ननरन्तर अन्तररक्ष में चजरों और ऊष्मज कज पवककरण करतज है ल्र्से सौर पवककरण कहते है। एल्बिडो Albedo:- सू र्ा से आने वजली सौर पवककरण की 27 इकजईर्जाँ बजदलों के ऊपरी छोर से तथज 2 इकजईर्जाँ पथ् ृ वी के हहमजच्छजहदत क्षेरों द्वजरज परजवनतात होकर लौट र्जती हैं। सौर पवककरण की इस परजवनतात मजरज को पथ् ृ वी कज एल्सबडो कहते है। र्ह परजवनतात मजरज 49 ईकजई के रूप में होती है। सौर ल्थिरांि:- पथ् ृ वी औसत रूप से वजर् ु मण्डल की ऊपरी सतह पर 1.94 कै लोरी / प्रनत वगा सेंटीमीटर प्रनत ममनट ऊर्जा प्रजप्त करती है। इसे सौर ल्स्त्थरजांक कहते हैं। िै लोरी:- एक ग्रजम र्ल के तजपमजन को एक डडग्री सेल्ससर्स बढजने के मलए प्रर्ोग में लजई गई उष्मज को कै लोरी कहते हैं। प्लैंि िा ननयम:- प्लैंक कज ननर्म बतजतज हैकक एक वस्त्तुल्र्तनी गमा होगी वह उतनी ज्र्जदज ऊर्जा कज पवककरण करेगी और उसकी तरांगदैर्धर्ा उतनी लघ ुहोगी। विशिष्ट उष्मा:- एक ग्रजम पदजथा कज तजपमजन एक अांश बढजने के मलए ल्र्तनी उष्मज की र्रूरत होती है, वह पवमशष्ट उष्मज कहलजती है। समताप रेखाएं:-
(2) 09 सौर विकिरण, ऊष्मा संतु लन एिं तापमान मौसम मजनधचर पर खीांची र्जने वजली कजसपननक रेखजएां र्ो एक समजन तजपमजन वजले स्त्थजनों को ममलजती हैं। उन्हें समतजप रेखजएां कहते हैं। अपसौर Aphelion:- सू र्ा के चजरों ओर पररक्रमण के दौरजन पथ् ृ वी 4 र् ु लजई को सू र्ा से सबसे दरू अथजात 15 करोड़ 20 लजख ककलोमीटर दरू होती हैं। पथ् ृ वी की इस ल्स्त्थनत को अपसौर कहते है। उपसौर (Perihelion):- 3 र्नवरी को पथ् ृ वी सू र्ा के सबसे ननकट अथजात 14 करोड़ 70 लजख ककलोमीटर दरू होती है। इस ल्स्त्थनत को उपसौर कहज र्जतज है। सू याातप:- पथ् ृ वी को सू र्ा से प्रजप्त होने वजली ऊर्जा को सू र्जातप अथवज आगमी सौर पवककरण कहते हैं। र्ह पथ् ृ वी पर लघ ुतरांग दैर्धर्ा के रूप में आती है। सू याातप तिा तापमान अन्तर थपष्ट:- सजमजन्र्तः सू र्जता प व तजपमजन को पर्जार्वजची शब्द समझज र्जतज है लेककन इन दोनो शब्दों कज मिन्न – मिन्न अथा है: 1. सू याातप:- • सू र्जातप ऊष्मज है ल्र्ससे गमी पैदज होती है। • र्ह पथ् ृ वी को सू र्ा से प्रजप्त होने वजली ऊर्जा है। सू र्जातप को कै लोरी में मजपज र्जतज है। • र्ह 1.94 कै लोरी / प्रनत वगा सेमी. प्रनत ममनट है। गमी कजरण मजर है। • ककसी पदजथा को गमी देने पर उसकज तजपमजन बढतज है। 2. तापमान:- • तजपमजन ऊष्मज से पैदज हुई गमी कज मजप है। • तजपमजन को थमजामीटर द्वजरज डडग्री सेमलमसर्स, के लपवन, फजरेन हजइट में मजपज र्जतज है।
(3) 09 सौर विकिरण, ऊष्मा संतु लन एिं तापमान • तजपमजन गमी कज प्रिजव है। • गमी से तजपमजन बढतज है। सू याातप िो प्रभावित िरने िाले िारि:- 1. सू या िी किरणों िा झु िाि:- पथ् ृ वी कज आकजर गोलजकजर होने के कजरण सू र्ा की ककरणें पथ् ृ वी के िरजतल पर पड़तेसमर् उनकज झक ु जव अलग – अलग होतज है। लम्बवत्ककरणें कम क्षेरफल पर धगरती है। इसमलए वह इस प्रदेश को अधिक गमा करती हैं। र्ैसे – र्ैसे ककरणों के झक ु जव कज कोण कम होतज र्जतज है। वैसे – वैसे क्षेरफल बढतज हैतथज वह िजग कम गमा होतज है। 2. सू याातप पर िाय ु मंडल िा प्रभाि:- वजर्म ु ण्डल में मेघ, आर्द्ातज तथज ि ू लकण आहद पररवतानशील दशजएाँ सू र्ा से आने वजले सू र्जातप को अवशोपित, परजवनतात तथज उसकज प्रकीणान करती हैं। ल्र्ससे पथ् ृ वी पर पहु ाँचने वजले सू र्जातप में पररवतान आ र्जतज है। 3. थिल एिं जल िा प्रभाि:- सू र्ा की ककरणों के प्रिजव सेस्त्थलीर् िरजतल शीघ्रतज सेऔर अधिक गमा होते हैंर्बकक र्लीर् िरजतल िीरे – िीरे तथज कम गमा होते हैं। 4. दिन िी लम्िाई अििा ध ू प िी अिधध:- ककसी स्त्थजन पर प्रजप्त सू र्जातप की मजरज हदन की लम्बजई अथवज िप ू की अवधि पर ननिार करती है। ग्रीष्म ऋतु में हदन बड़े होते हैं और सू र्जता प अधिक प्रजप्त होतज है। इसके पवपरीत, शीत ऋतु में हदन छोटे होते हैंऔर सू र्जातप कम प्रजप्त होतज है। 5. भ ू शम िी ढाल:- सू र्जमािम ु खी ढजल होनेपर अधिक सू र्जता प प्रजप्त होतज है। र्बकक पवपरीत ढजल होने पर कम सर् ू जातप प्रजप्त होतज है। 6. सू या से पथ् ृ िी िी िरू ी:- 3 र्नवरी को पथ् ृ वी सू र्ा के सबसे करीब होती है र्बकक 4 र् ु लजई को सबसे दरू। अतः सू र्जता प िी उसी तरह कम व अधिक प्रजप्त होतज है। पथ् ृ िी िे गमा और ठंडा होने िे तरीिे:- 1. चालन:- र्ब असमजन तजप वजले दो पपण्ड एक दसू रे के सांपका में आते हैं। गमा पपांड से ठांडे पपांड की तरफ ऊर्जा कज प्रवजह होतज हैर्ब तक कक दोनों पपांडों कज तजपमजन बरजबर न हो र्जए।

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