PDF Google Drive Downloader v1.1


Report a problem

Content text Chapter 4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण.pdf

भूगोल अध्याय-4: महासागरों और महाद्वीपों का वितरण
(1) 04 महासागरों और महाद्वीपों का ववतरण महाद्वीपों एंव महासागरों का निमााण:- पथ् ृ वी की उत्पत्ति के बाद सेलगभग 3.8 अरब वर्ष पहलेमहाद्वीपों एंव महासागरों का निमाषण हु आ ककन्तु ये महाद्वीप एवं महासागार जिस रूप में आि हैउस रूप में पहले िह ं थे। कई वैज्ञानिकों िेसमय – समय पर यह प्रमाणणत करिेका प्रयास ककया कक निमाषण के आरजभभक दौर में सभी महाद्वीप इकट्ठे थे। महाद्वीपीय ववस्थापि ससद्धान्त:- 1. िमषि त्तवद्वाि अल्फ्रे ड वेगिर िेइसी क्रम में1912 मेंमहाद्वीपीय त्तवस्थापि ससद्धान्त का प्रनतपादि ककया। वेगिर िेयह मािा कक काबषिीफे रस यग ु में सभी स्थल भाग एक बडे स्थल के रूप में एक दसू रे से ि ुडे हु ए थे। इस त्तवशाल स्थल य भाग को वेगिर िे पैंजिया िाम ददया। 2. वेगिर का त्तवचार था कक पैंजिया के क ु छ भाग भ ू मध्य रेखा की ओर णखसकिे लगे। यह प्रकक्रया आि से लगभग 30 करोड वर्ष प ू वष अंनतम काबषिीफे रस य ु ग में आरभभ हुई। लगभग 5-6 करोड वर्ष प ू वष प्ल स्टोसीि यग ु में महाद्वीपों िेवतषमाि जस्थनत के अिरु ु प लगभग समलता ि ु लता आकार धारण कर सलया था। पजैंिया:- 1. आि के सभी महाद्वीप एक ह भख ू ंड के भाग थे जिसे पैंजिया कहा गया। 2. पैंजिया के त्तवभािि से दो बडे महाद्वीपीय त्तपंड अजस्तत्व में आये। • लारेसशया (उिर भ ू खण्ड) • गोंडवािा लैंड (दक्षिणी भ ू खण्ड) पथैंालासा:- पैंजिया के चारों और त्तवस्ततृ त्तवशाल सागर को पैंथालासा कहा गया। महाद्वीपों के ववस्थापि के पक्ष मेंप्रमाण:-
(2) 04 महासागरों और महाद्वीपों का ववतरण 1. महाद्वीपों मेंसाम्यता:- यदद हम महाद्वीपों के आकार को ध्याि से देखें तों पायेंगे कक इिके आमिे सामिे की तट रेखाओं में अद्भ ुत साभय ददखाता है। 2. महासागरों के पार चट्टािों की आय ु में समािता:- वतषमाि में िो दो महाद्वीप एक दसू रे से दरू हैंउिकी चट्टािों की आय ु में समािता समलती है उदाहरण के तौर पर 200 करोड वर्ष प्राचीि शैल सम ूहों की एक पट्ट ब्रािील तट (दक्षिणी अमेर का) और प . अरीका के तट पर समलती हैइससे यह पता चलता है कक दािों महाद्वीप प्राचीि काल में साथ – साथ थे। 3. टटलाइट:- ये दहमािी नििेपण से निसमषत अवसाद चट्टािें हैं। ऐसे नििेपों के प्रनतरूप दक्षिणी गोलाद्षध के छ : त्तवसभन्ि स्थल खंडों में समलते हैंिो इिके प्राचीि काल में साथ होिे का प्रमाण हैं। 4. प्लेसर निक्षेप:- सोिा य ु क्त सशरायें ब्रािील में पायी िाती हैंिबकक प्लेसर नििेप घािा में समलते हैंइससे यह प्रमाणणत होता है कक द . अमेररका व अरीका कभी एक िगह थे। 5. िीवाशमों का ववतरण:- क ु छ महाद्वीपों पर ऐसे िीवों के अवशेर् समलते हैिो वतषमाि में उस स्थाि पर िह ं पाये िाते हैं। वेगिर िेमहाद्वीपीय ववस्थापि के सलए ककि बलों को उत्तरदायी बताया:- वेगिर के अि ुसार महाद्वीप त्तवस्थापि के दो कारण हैं। 1. पोलर फलीइंग बल:- पथ् ृ वी के घ ू णिष के कारण महाद्वीप अपिे स्थाि से णखसक गये। 2. ज्वारीय बल:- ज्वार य बल सू यष व चन्रमा के आकर्षण से संबंधधत हैइस आकर्षण बल के कारण महाद्वीपीय खण्डों का त्तवस्थापि हो सकता है। मेंटल मेंधाराओं के आरंभ होिेऔर बिे के कारण:- मेंटल में संवहि धाराएँ रेडडयोएजक्टव तत्वों से उत्पन्ि ताप सभन्िता से उत्पन्ि होती हैं। परू े मेंटल भाग में इस प्रकार की धाराओं का तंत्र त्तवद्यमाि है। रेडडयोएजक्टव तत्वों के कारण ह संवहि धाराएँहैं। मध्य महासागरीय कटक:-
(3) 04 महासागरों और महाद्वीपों का ववतरण मध्य महासागर य कटक अटलांदटक महासागार के मध्य में उिर सेदक्षिण तक आपस में ि ुडे हु ए पवषतों की श्खं ृ ला हैिो महासागर य िल में डू बी हुई है। प्लेट वववतानिक ससद्धान्त:- 1. बीसवी शताब्द के आरजभभक चरण में महाद्वीपीय त्तवस्थापि ससद्धान्त को स्वीकार करिे में सबसे बडी च ु िौती यह थी कक त्तवद्वाि यह िह समझ पा रहे थे कक ससयाल के बिे हु ए महाद्वीप सीमा पर कै से तैरते हैंऔर त्तवस्थात्तपत हो िाते हैं। 2. उस समय त्तवद्वािों का यह त्तवचार था कक महासागर य भ ू– पपषट बैसाजल्फ्टक स्तर का ह त्तवस्तार है। आथषर होभस िे सि्1928 ई. में बताया कक भग ू भष में तापमाि में अंतर होिे के कारण संवाहिीय धाराएं चलती हैंिो प्लेटों को गनत प्रदाि करती हैं। इस प्रकार प्लेटें सदा गनतशील रहती हैंऔर महाद्वीपों में त्तवस्थापि पैदा करती हैं। प्लेट वववतानिकी ससद्धान्त में प्लेट से तात्पया:- महाद्वीपीय एंव महासागर य स्थलखंडों से समलकर बिा, ठोस व अनियसमत आकार का त्तवशाल भ ू– खंड िो एक दृढ़ इकाई के रूप में है। प्लेट कहलाती है। प्लेट वववतानिकी ससद्धान्त ‘ के अि ुसार सात म ु ख्य एवं क ु छ छोटी प्लेटें :- 1. म ु ख्य प्लेटें:- • अंटाकष दटक प्लेट • उिर अमेर की प्लेट। • दक्षिण अमेर की प्लेट। • प्रशान्त महासागर य प्लेट। • इंडो – आस्रेसलयि प्लेट। • अरीका प्लेट। • य ूरेसशयाई प्लेट। 2. छोटी प्लेटें:-

Related document

x
Report download errors
Report content



Download file quality is faulty:
Full name:
Email:
Comment
If you encounter an error, problem, .. or have any questions during the download process, please leave a comment below. Thank you.