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Content text 7.जंतुओं और पादप में परिवहन.pdf

विज्ञान अध्याय-7: जंतुओ ंऔर पादप मेंपररिहन
(1) 07 जंतु ओं और पादप मेंपररवहन सभी जीवों को जीववत रहनेके लिए भोजन, जि और ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जंतुओं की कोलिका पोषण, पररवहन, उत्सजजन, मेंभूममका ननभाती है। पररसंचरण तंत्र ह्रदय और रक्त वाहहननयााँसंयुक्त रूप सेहमारेिरीर का पररसंचरण तंत्र बनाती हैं। सभी छोटे-बडे जंतुओंके िरीर के भीतर ऑक्सीजन, भोजन, हॉमोन्स आदद पदार्थों को आवश्यकतानुसार उपयुक्त अंगों में पहंचाने के लिए एक सुववकससत पररसंचारी तंत्र होता हैं, लजसे पररसंचरण तंत्र (Circulatory System) कहतेहैं। पररसंचरण तंत्र वाहननयों और नलियों के जाि द्वारा बना होता है। पररसंचारी तंत्र को दो भागों मेंववभालजत दकया जा सकता हैलजसेपररसंचरण तंत्र कहतेहैं। पररसंचरण तंत्र वाहननयों और नलियों के जाि द्वारा बना होता है। पररसंचारी तंत्र को दो भागों में ववभालजत दकया जा सकता हैैः रूमिर तंत्र और िससका तंत्र। रक्त पररसंचरण तंत्र को िरीर का पररवहन तंत्र माना जाता है। यही तंत्र भोजन, ऑक्सीजन, पानी और दूसरेसभी जरूरी पदार्थों को ऊतक मेंकोलिकाओंतक पहंचानेका और वहां के बेकार पदार्थजसार्थ मेंवापस िानेका कायजकरता है। इसी तंत्र के अंतगजत रक्त, हृदय एवं रक्त वाहहननयां होती हैं।
(2) 07 जंतु ओं और पादप मेंपररवहन रक्त:- रक्त तरि पदार्थज है, जो रक्त वाहहननयों में प्रवाहहत होता है रक्त एक तरि संयोजी ऊतक होता है। जो रक्त वाहहननयों के अंदर ववमभन्न अंगों मेंिगातार बहता रहता है। रक्त वाहहननयों मेंप्रवाहहत होनेवािा यह गाढा, कु छ मचपमचपा, िाि रंग का द्रव्य, एक जीववत ऊतक है। यह एक श्यान तरि है। रक्त मानव व अन्य पिुओंमेंआवश्यक पोषक तत्व व ऑक्सीजन को कोलिकाओं मेंतर्था कोलिकाओं से चयापचयी अपलिष्ट उत्पादों (Meta Bolic Waste Proudcts) तर्था काबजन डाई ऑक्साइड को पररवहन करता है। रक्त एक हल्का क्षारीय तरि हैलजसका pH - 7 . 4 होता है। रक्त का ननमाजण िाि अस्थि मज्जा (Red Bone Marrow) मेंहोता है। भ्रूणाविा तर्था नवजात लििुओंमेंरक्त का ननमाजण प्लीहा मेंहोता है। मनुष्य मेंकरीब 5 - 6 िीटर रक्त होता है। प्लाज़्मा :- रुमिर के तरि भाग को प्लाज्मा कहतेहैं। यह हल्के पीिेरंग का क्षारीय तरि होता है। प्लाज्मा रक्त का 55 प्रनतित भाग का ननमाजण करता हैतर्था इसमेंिगभग 92 प्रनतित जि व 8 प्रनतित काबजननक एंव अकाबजननक पदार्थजघुलित या ननिस्थित या कोिाइड रूप मेंपायेजाते हैं। प्लाज्मा वह ननजीीव तरि माध्यम हैलजसमेंरक्त कण तैरतेरहतेहैं। प्लाज्मा के द्वारा ही ये कण सारेिरीर मेंपहंचतेहैंऔर आंतों सेअविोषषत पोषक तत्वों का िरीर के ववमभन्न भागों तक पररवहन होता है।
(3) 07 जंतु ओं और पादप मेंपररवहन लाल रूधिर कोशिकाएँ(RBC)- रक्त की सबसेप्रमुख कोलिका है। येकु ि रक्त कोलिकाओंका 99 प्रनतित होती हैं। इन कोलिकाओंमेंहीमोग्लोनबन नामक प्रोटीन पाया जाता है। हीमोग्लोनबन के कारण रक्त का रंग िाि होता है। इन्हेंइररथ्रोसाइट्स (Erythro-cytes) भी कहतेहैं। यह किेरुकी प्रालणयों के श्वसन अंगों सेO2 िेकर उसेिरीर के ववमभन्न अंगों की कोलिकाओं तक पहंचानेका सबसेसहज और व्यापक माध्यम है। RBC का ननमाजण अस्थिमज्जा मेंहोता है। ये कोलिकाएाँके न्द्रक ववहीन होती हैपरन्तुऊाँ ट के िाि रक्त कोलिका मेंके न्द्रक पाया जाता है। जो दक अभी अपवाद की स्थिनत बना हआ है। इनकी औसत आयु120 ददन होती है।येआकार में वृत्ताकार, दडस्कीरूपी, उभयावति (Biconcave) एवं के न्द्रक रहहत होती हैं। सफे द रूधिर कोशिकाएं (WBC)- सफे द रक्त कोलिकायेंहाननकारक तत्वों तर्था बीमारी पैदा करनेवािेजीवाणुओंसेिरीर की रक्षा करतेहैं। सफे द रक्त कोलिकायेंिाि रक्त कोलिकाओंसे बडी होती हैं। इन्हेल्युकोसाइट भी कहतेहै।इन कोलिकाओंमेंहीमोग्लोनबन उपस्थित नहीं होता लजस कारण येरंगहीन और पारदिजक होती हैं। इनमेंएक सेज्यादा के न्द्रक रहतेहैंइसलिए इसे वास्तववक कोलिकाएाँ(True cells) कहतेहैं। इनका आकार बदिता रहता हैऔर येबहत ज्यादा गनतिीि होती हैं। तर्था रक्त वाहहननयों की मभलत्त सेहोकर ऊतकों मेंपहंच जाती हैइन कोलिकाओं का ननमाजण अस्थि मज्जा और िससका ग्रंमर्थयों (lumph glands) मेंहोता है। सफे द रूमिर कोलिकाएं दो प्रकार की होती हैं- (i) कलणकामय (Granulocytes) (ii) कलणकाववहीन (Agranulocytes) कलणकामय श्वेत रक्ताणु- येतीन प्रकार की होती हैं- • न्यूटरोदफि • इओससनोदफि • बेसोदफि न्यूटरोदफि कलणकामय श्वेत रुमिर रक्ताणुओंमेंइनकी संख्या सबसेअमिक होती है। येसबसे अमिक सदिय एवं इनमेंअमीबीय गनत पाई जाती है। कशिकाविहीन (Agranulocytes)- येदो प्रकार की होती हैं-
(4) 07 जंतु ओं और पादप मेंपररवहन (a) मोनोसाइट (b) लिम्फोसाइट। मोनोसाइट (Monocytes)- येन्यूटरोदफल्स की तरह िरीर मेंप्रवेि कर सूक्ष्म जीवों का अन्त : ग्रहण (Ingestion) कर भक्षण करती हैं। शलम्फोसाइट (Lymphocytes)- येकोलिकाएाँतीन प्रकार की होती हैं- • बी - लिम्फोसाइट • 'टी' लिम्फोसाइट • प्राकृ नतक मारक कोलिकाएाँ। लिम्फोसाइट प्रनतरक्षा प्रदान करनेवािी प्रार्थममक कोलिकाएाँहैं। हीमोग्लोबिन :- िाि रक्त की कोलिका होती है, लजनमेंएक िाि वणजक होता है, लजसे हीमोग्लोनबन कहतेहैं। हीमोग्लोनबन के कारण ही रक्त का रंग िाि होता है।

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