Content text कक्षा 7 हिंदी (मल्हार) पाठ 6- गिरिधर कविराय की कुंडलिया (कविता) पुस्तक समाधान.pdf
कक्षा 7हहिंदी (मल्हार) पस्ुतक समाधान ©kvsecontent.com हितीय कुिंडहिया की व्याख्या बीती ताव वबसारर देआगेकी सवुध लेइ। िो बवन आिैस ि मेंता ी मेंवचत देइ॥ ता ी मेंवचत देइ बात िोई बवन आिै। दिुणन ँसैन कोइ वचत्त मेंखता न पािै॥ क वगररधर कविराय य ैकरु मन परतीती। आगेको सखु ोइ समवझ बीती सो बीती॥ इस किंुडवलया मेंकवि एक सकारात्मक सिंदशे देते ैं। िेक ते ैंवक बीती ुई बातों को भूलकर भविष्य पर ध्यान देना चाव ए। िो कायणस ि रूप से ो सके, उसी मेंअपना मन लगाना चाव ए। िब म अपनेस्िभाि और क्षमताओिंकेअनुरूप कायणकरते ैं, तो बरुेलोग मारा उप ास न ीं कर पातेऔर मारेमन में भी वकसी प्रकार का दोष या अपराधबोध न ीं र ता। वगररधर कविराय क ते ैंवक मेंअपनेमन को इस बात पर विश्वास करना वसखाना चाव ए वक भविष्य की खशुी को समझते ुए, अतीत केदखु ों को भलू कर आगेबढ़ना चाव ए। िो बीत गया ै, उसेबीत िानेदेना ी बवुद्धमानी ै। कहिताओिंकी प्रासिंहिकता येकिंुडवलयाँसैकड़ों साल परुानी ोनेकेबाििदू आि केसमय मेंभी उतनी ी प्रासिंवगक ैं। प ली किंुडवलया मेंवबना सोचे-समझे वनणणय लेनेकेखतरों सेआगा करती ै, िो आि केवडविटल यगु मेंऔर भी म त्िपूणण ो गया ै, ि ाँसाइबर धोखाधड़ी और िल्दबािी मेंवकए गए वनणणय गिंभीर पररणाम ला सकते ैं। दसूरी किंुडवलया अतीत मेंन ीं उलझनेऔर भविष्य पर ध्यान कें वित करनेकी प्रेरणा देती ै, िो आधवुनक मनोविज्ञान और आध्यावत्मक वशक्षाओिंसेभी मेल खाती ै। म अक्सर अतीत की गलवतयों या दखु ों मेंउलझेर ते ैं, िबवक इस किंुडवलया का सिंदशे मेंआगेबढ़नेऔर नए अिसरों पर ध्यान देनेकेवलए प्रेररत करता ै। इन किंुडवलयों की भाषा सरल और सीधी ै, विससेइनकेसिंदशे आसानी सेसमझ मेंआते ैंऔर िीिन मेंउतारेिा सकते ैं। इसीवलए येकिंुडवलयाँक ाितों केरूप मेंप्रचवलत ैंऔर आि भी लोगों केमन-मवस्तष्क मेंबसी ुई ैं।