Content text सहारनपुर मंडल class.pdf
1803 में सहारनपुर अंग्रेि ं के हार् ं में चला गया। िारुल उलूम िेर्विंि के संस्थापक ं ने बर्वद्र ह में सबक्रय रूप से िाग बलया, बिल्ली के िाहर ल ग ं क संगबित बकया और कु छ समय के बलए अपने कायाक्षेत्र से बिबटश सत्ता क िाहर बनकालने में सफल रहे। उनकी गबतबर्वबधय ं का कें द्र मुिफ्फरनगर बिले का एक छ टा सा शहर शामली र्ा। 1857 के िाि, मुसलमान ं का सांस्कृ बतक और रािनीबतक इबतहास अलीगढ़ और िेर्विंि के इिा-बगिा िूमता रहा। काबसम नानौतर्वी ने िेर्विंि का प्रबतबनबधि बकया। िेर्विंि ने अंग्रेि ं के बर्वर ध का प्रबतबनबधि बकया, िारतीय राष्ट्र र्वाि, बहंिू मुत्विम एकता और अखंड िारत का पक्ष बलया। िेर्विंि ने शाह र्वलीउल्लाह के क्रांबतकारी बर्वचार ं का समर्ान बकया ि सामाबिक और रािनीबतक िागृबत के बलए बिम्मेिार र्े। मौलाना नानौतर्वी और मौलाना रशीि अहमि गंग ही ने 1867 में िेर्विंि में एक स्कू ल की स्थापना की। यह िारुल उलूम के नाम से ल कबप्रय हुआ। प्रबसद्ध क्रांबतकारी मौलाना महमूिुल हसन मिरसे के पहले छात्र र्े।