Content text खाद्ध्य संसाधनों में सुधार.pdf
12. खाद् ध ्य संसाधनों मेंस ु धार खाद्य संसाधन जिन स्रोतों मेंहमेंभोिन (खाद्य पदार्थ) प्राप्तहोतेहैं, उनहेंखाद्य संसाधन कहतेहैं। खाद्य संसाधन मख्ुयत: दो प्रकार के होतेहैं (i) वनस्पजत स्रोत अनाि, दालें, सजजियााँ, फल, खाद्य, तेल मसालेआजद वनस्पजत स्रोतों सेप्राप्त खाद्य पदार्थहैं। (ii) िन्तुस्रोत दधू, मांस, अंडे, मछली आजद िन्तुस्रोतों सेप्राप्त खाद्य पदार्थहैं। जनयोिन प्रबन्धन तंत्र का आधार है क्योंजक जनयोिन मेंहम सभी चरणों कीएक काल्पजनक रूपरेखा तैयार करतेहैं। यजद जनयोिन जवश्वसनीय आाँकडों तर्ा वास्तजवक स्रोतों केआधार परनहीं जकया िाएगा तो सम्पणूथप्रबन्धन तंत्र व्यर्थहो सकताहै। खाद्य सम्पदा केप्रबन्धन तंत्र मेंजनयोिन केजवजभन्न चरण जनम्न प्रकार हैं (i) प्रमखु कृजि फसलों केवाजिथक उत्पादन लक्ष्य जनधाथररत करना। (ii) जनधाथररत लक्ष्यों की प्राजप्त केजलए भजवष्य मेंअजतररक्त सजुवधाएाँप्रदान करना। (iii) खाद्य उत्पादनों केसंग्रहण, लक्ष्यों तर्ा तंत्र की रूपरेखा बनाना। (iv) समजुचत जववरण व्यवस्र्ा सजुनजित करना। फसलों केप्रकार:- फसलों केप्रकार जिनमेंहम जनम्नजलजखत चीिेंप्राप्त करतेहैं:- • अनाज:- इनमेंगेह , ाँचावल, मक्का, बािरा आजद सजम्मजलत हैं। येहमेंकाबोहाइड्रेट प्रदान करतेहैं। • बीज:- पौधों मेंपायेिानेवालेसभी बीि खानेयोग्य नहीं होते, िैसे- सेब का बीि, तर्ा चेरी का बीि। खाने वालेबीिों मेंसरसों, सोयाबीन, जतल तर्ा माँगूफली येहमेंवसा प्रदान करतेहैं। • दालें:- इनमेंचना, मटर, (काला चना, हरा चना) तर्ा मसरूयेहमेंप्रोटीन प्रदान करतेहैं। • सजजियााँ, मसालेव फल:- येहमेंजवटाजमन तर्ा खजनि लवण प्रदान करतेहैं। ▪ फल िैसे:- सेब, आम, चेरी, के ला, तरबिू, ▪ सजजियााँिैसे:- पालक, पत्तीदार सजजियााँ, मलूी। ▪ मसालेिैसे:- जमचथ, काली जमचथ • चारा फसलें:- िई, सडूान घास पशधुन केचारेकेरूप मेंउपयोग जकया िाताहै।
(1) ChemContent फसल चक्र:- • सभी फसलों को अपनी वजृि तर्ा िीवन चक्र करनेकेजलयेअलग – अलग पररजस्र्जतयों (तापमान, नमी) तर्ा अलग – अलग दीजप्तकाल (सरूि की रोशनी) की िरूरत होती है। • फसलों का मौसम दो प्रकार का होता है। ▪ खरीफ फसल:- येफसल बरसात केमौसम मेंउगती है। (िनू सेअक्टूबर तक) उदाहरण:- काला चना, हरा चना, चावल, सोयाबीन, धान। ▪ रबी फसल:- येफसलेंनवम्बर सेअप्रैल तक केमहीनेमेंउगाई िातीहैइसजलयेइन्हेंसदी की फसल भी कहते हैं। उदाहरण:- गेह , ाँचना, मटर, सरसों, अलसी, रबी फसलेंहैं। फसल उत्पादन मेंसधुार:- फसल उत्पादन मेंसधुार की प्रजक्रया मेंप्रयक्तु गजतजवजधयों को जनम्न प्रमखु वगों मेंबांटा गया है। • फसल की जकस्मों मेंसधुार • फसल उत्पादन प्रबन्धन • फसल सरुक्षा प्रबंधन संकरण:- जवजभन्न अनुवांजशक गणुों वालेपौधों केबीच संकरण करकेउन्नत वालेपौधेतैयार करनेकी प्रजक्रया को संकरण कहतेहैं। फसल की ककस्मों मेंसुधार:- • फसल की जकस्म मेंसधुार केकारक हैंअच्छेऔर स्वस्र् बीि संकरण। गुण फसल की गुणवत्ता मेंवृकि करनेवालेकारक हैं:- ▪ उच्च उत्पादन:- प्रजत एकड फसल कीउत्पादकता बढाना। ▪ उन्नत ककस्में:- उन्नत जकस्में, फसल उत्पादन की गणु वत्ता, प्रत्येक फसल मेंजभन्न होती है। दाल मेंप्रोटीन की गणु वत्ता, जतलहन मेंतेल की गणु वत्ता और फल तर्ा सजजियों का संरक्षण महत्वपणूथहै। ▪ जैकवक तथा अजैकवक प्रकतरोधकता:- िैजवक (रोग, कीट तर्ा जनमेटोड) तर्ा अिैजवक (सखू ा, क्षारता, िलाक्रांजत, गमी, ठंड तर्ा पाला) पररजस्र्जतयों केकारण फसल उत्पादन कम हो सकता है। इन पररजस्र्जतयों को सहन कर सकनेवाली फसल की हाजन कम हो िाती है।
(2) ChemContent ▪ व्यापक अनुकूलता:- व्यापक अनकुूलता वाली जकस्मों का जवकास करना जवजभन्न पयाथवरणीय पररजस्र्जतयों मेंफसल उत्पादन को स्र्ायी करनेमेंसहायक होगा। एक ही जकस्म को जवजभन्न क्षेत्रों मेंजवजभन्न िलवायुमें उगाया िा सकता है। ▪ ऐकच्िक सस्य कवज्ञान गुण:- चारेवाली फसलों केजलयेलम्बी तर्ा सघन शाखाएाँऐजच्छक गणु है। इस प्रकार सस्य जवज्ञान वाली जकस्मेंअजधक उत्पादन प्राप्त करनेमेंसहायक होती हैं। फसल उत्पादन मेंसधुार:- जकसानों केद्वारा की गई जवजभन्न प्रकार की तकनीक इस्तेमाल की िाती हैंजिससेफसल केउत्पादन मेंवजृि होती हैं, वेजनम्न हैं:- • पोिक प्रबन्धन • जसंचाई • फसल कोउगानेकेतरीकेया फसल पैटनथ पोषक प्रबन्धन:- • दसूरेिीवों की तरह, पौधों को भी वजृि हतेुकुछ तत्वों (पोिक पदार्ों) की आवश्यकता होती हैउन तत्त्वों को हीहम पोिक तत्व कहतेहैं। • िैसे:- काबथन, पानी सेहाइड्रोिन एवंऑक्सीिन तर्ा 13 पोिक तत्व जमट्टी सेप्राप्तहोतेहैं। • िहााँसेपोिक पदार्थप्राप्त होतेहैंवह हैहवा, पानी, जमट्टी • वहृ त पोिक तत्व:- नाइट्रोिन वायुव भजूम सेप्राप्त होती है। जिसकी अजधक मात्रा मेंपौधों को आवश्यकता होती है। अन्य वहृ त पोिक तत्त्व हैं। फॉस्फोरस, पोटेजशयम, के जल्सयम, मैग्नीजशयम, सल्फर • सक्ष्ूम पोिक तत्व:- लौह तत्व, मैग्नीि की कम मात्रा मेंआवश्यकता होती है। अन्य हैंबोरोन, जिंक, कॉपर मोजलजबडनम, क्लोरीन। खाद तथा उववरक:- जमट्टी की गणु वत्ता को बढानेकेजलयेखाद तर्ा उवथरक की आवश्यकता होती है। फलस्वरूप फसल की उपि मेंवजृि होती है। खाद:-
(3) ChemContent • येएक काबथजनक पदार्थका अच्छा स्रोत है। यह र्ोडी मात्रा मेंजमट्टी को पोिक तत्व प्रदान करता है। • यह प्राणी केउत्सजिथत पदार्थया अपजशष्ट सेबनता हैतर्ा पौधों केअपजशष्ट केअपघटन द्वारा तैयार जकया िाताहै। खाद केकवकिन्न प्रकार:- • कम्पोस्ट खाद:- पौधों व उनकेअवशेि पदार्ों, कूडे, करकट, पशओु ंके गोबर, मनष्ुय के मल मत्रू आजद काबथजनक पदार्ों को िीवाणुतर्ा कवकों की जक्रया केद्वारा खाद रूप मेंबदलना कम्पोजस्टंग कहलाता है। • वमी कम्पोस्ट खाद:- िब कम्पोस्ट को केचएुाँकेउपयोग सेतैयार करतेहैंउसेवमी कम्पोस्ट कहतेहैं। यहााँ केंचआु ‘ कृिकों का जमत्र ‘ एवं‘ भजूम की आंत ‘ कहा िाताहै। • हरी खाद:- फसल उगानेसेपहलेखेतों मेंकुछ पौधे, िैसेपटसन, माँगू, अर्वा ग्वारउगा देतेहैंऔर तत्पिात् उन पर हल चलाकर खेत की जमट्टी मेंजमला जदया िाता है। येपौधेहरी खाद मेंपररवजतथत हो िातेहैंिो जमट्टी कोनाइट्रोिन तर्ा फास्फोरस सेपररपणूथकरनेमेंसहायक होतेहैं। उववरक:- • उवथरक कारखानों मेंतैयार जकयेिातेहैं। येरासायजनक पदार्ों केइस्तेमाल सेबनायेिातेहैं। इनमेंअत्यजधक मात्रा मेंपोिक तत्व िैसे:- नाइट्रोिन, फास्फोरस तर्ा पोटैजशयम पायेिातेहैं। • उवथरक आसानी सेपौधों द्वारा अवशोजित कर जलयेिातेहैंतर्ा येपानी मेंघलुनशील होतेहैं। खाद तथा उववरक मेंअन्तर:- खाद उववरक येमख्ुय रूप सेकाबथजनक पदार्थहोतेह।ैं ये अकाबथजनक पदार्थ होते हैं। ये प्राकृजतक पदार्थकेबनेहोतेह।ैं ये रासायजनक पदार्ों से जमलकर बनते हैं। खाद में कम मात्रा में पोिक तत्व होते हैं। उवथरक में अत्यजधक मात्रा में पोिक तत्व पाये िाते हैं। खाद सस्ती होती है तर्ा घर तर्ा खेत (मैदान) में बनायी िा सकती है। उवथरक महाँगे तर्ा फै जक्ट्रयों में तैयार जकये िाते हैं। खाद धीरे – धीरे पौधे द्वारा अवशोजित की िाती है। क्योंजक येपानी मेंअघलुनशील होतेह।ैं उवथरक आसानी से फसल को उपलजध हो िाते हैं। येपानी मेंघलुनशील होतेह।ैं