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1 विषय-सूची 14 अध्याय - 2 सूचना प्रौद्योगिकी 50 अध्याय - 5 नैनो तकनीक 71 अध्याय - 7 अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी 28 अध्याय - 3 जैव प्रौद्योगिकी 53 अध्याय - 6 नाभिकीय ऊर्जा 89 अध्याय - 8 रक्षा 03 अध्याय - 1 विज्ञान और प्रोद्योगिकी का विकास 39 अध्याय - 4 स्वास्थ्य
2 108 अध्याय - 10 बौद्धिक संपदा अधिकार 97 अध्याय - 9 कु छ उन्नत प्रौद्योगिकियां 118 विगत वर्षों के प्रश्न
3 • भारत के पास एक समृद्ध वैज्ञानिक और तकनीकी विरासत है। यह अध्याय प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के इतिहास की एक त्वरित झलक प्रदान करता है। सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization, IVC) • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और अन्य एजेंसियों द्वारा की गई खुदाई सिंधु घाटी सभ्यता के क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की विभिन्न वैज्ञानिक प्रगति को इंगित करती है। 1. वास्तुकला और सिविल इं जीनियरिंग (Architecture and Civil Engineering) • शहरी कें द्र, वैज्ञानिक सड़कों; अपवाह प्रणाली (कॉर्बेल तकनीक के साथ); और नियोजित संरचनाओं (उदाहरणों में विशाल स्नानागार और अन्न भंडार शामिल हैं) के साथ एक निश्चित खाका स्वरूप पर आधारित थे। • उन्हें लोथल में दनिु या का पहला ज्वारीय बंदरगाह बनाने का श्रेय दिया जाता है। इतिहासकार बताते हैं कि इससे संके त मिलता है कि वे ज्वार की भौगोलिक घटना को समझते हैं (केंद्रीय बजट 2020 में भारत में समुद्री संग्रहालय स्थापित करने की घोषणा की गई है और लोथल गंतव्यों में से एक है)। • जहां तक आवास का संबंध है, अलग-अलग घरों में निजी स्नानघरों की सुविधा थी और सभी में जल आपूर्ति तंत्र भी था। • सरकार की कु छ हालिया योजनाओं जैसे स्मार्ट सिटी परियोजना के पीछे की प्रेरणा का पता इस काल से लगाया जा सकता है। 2. सिंचाई प्रणाली (Irrigation System) • सिंधु घाटी सभ्यता में बड़े पैमाने पर शुष्क और अर्ध- शुष्क क्षेत्रों थे और इसके लिए कृत्रिम जलाशयों और जल संरचनाओं के निर्माण की आवश्यकता थी। कई नदियों की मौजूदगी के बावजूद, जल एक दर्ल ु भ वस्तु थी। • शहरों में नवीन सिंचाई प्रणाली थी, और इसने शहरी केंद्रों के सतत विकास को सुनिश्चित किया। 3. वजन, माप और धातु विज्ञान (Weights, Measurement and Metallurgy) • सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों द्वारा वजन और उप-वजन की एक अत्यंत प्रभावी प्रणाली को अपनाया गया था। चूंकि व्यापार अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, इसलिए बाट और माप की आधुनिक प्रणाली का होना महत्वपूर्ण था। वर्तमान मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण की उत्पत्ति प्राचीन काल से हुई है। • साक्ष्य बताते हैं कि लोगों द्वारा तेज गर्मी से बचाने के लिए कपास का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था। इस प्रकार, गर्मियों में सूती कपड़े पहनने की हमारी वर्तमान प्रवृत्ति प्राचीन काल से शुरू हुई। 4. मिट्टी के बर्तन और मनके बनाना (Pottery and Bead Making) • लोगों द्वारा किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण कार्य मिट्टी के बर्तन बनाना था। विभिन्न एजेंसियों को कु म्हार का पहिया मिला है। • ताप-प्रौद्योगिकी जिसका उपयोग साधारण वस्तुओं के उत्पादन के लिए ऊष्माक्षेपी (exothermic) और ऊष्माशोषी (Endothermic) प्रतिक्रियाओं को प्रेरित करने के लिए किया जाता था, का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था। • लोग भट्टियों से परिचित थे और मनका बनाना एक अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि थी जिसने रत्न और आभूषण उद्योग के विकास में मदद की। इसका बड़ा भाग अन्य सभ्यताओं को भी निर्यात किया जाता था। 5. चिकित्सा विज्ञान (Medical Science) • विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, इस सभ्यता के नागरिकों ने दंत विज्ञान में भी महारत हासिल की थी, जिसमें छिद्रों का इलाज करना और दंत समस्याओं का उपचार शामिल है, जिसका रोगी को सामना करना पड़ता था। मेहरगढ़ के साक्ष्य इस बात का खुलासा करते हैं। विज्यान और प्ररोद्रोगगकी कया विकयास (EVOLUTION OF SCIENCE AND TECHNOLOGY) अध्याय - 1

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