PDF Google Drive Downloader v1.1


Report a problem

Content text 2 वन एवं वन्य जीव संसाधन.pdf

सामाजिक विज्ञान (भ ू गोल) अध्याय-2: वन एवंवन्य जीव संसाधन
(1) 02 िन एिं िन्य िीि संसाधन जैव ववववधता:- जैव ववववधता का अर्थहैआपस मेंघनिष्ठ रूप सेजुडेहुए तर्ा परस्पर निर्थर पादपों ओर जंतुओंके ववववध प्रकार। प्राकृ वतक वनस्पवत:- प्राकृ नतक विस्पनत का अर्थहैप्राकृ नतक रूप सेस्वयं उगिेव पिपिेवालेपादप समूह वि, घास, र्ूमम आदद इसके प्रकार हैं। इसेअक्षत विस्पनत के रूप मेंर्ी जािा जाता है। स्वदेशी वनस्पवत प्रजावतयाां:- स्थानिक पादप – अक्षत (प्राकृ नतक) विस्पनत जो दक ववशुद्ध रूप मेंर्ारतीय है। इसेस्वदेशी विस्पनत प्रजानतयां र्ी कहतेहैं।
(2) 02 िन एिं िन्य िीि संसाधन पारितांत्र (पारिस्थिवतकी तांत्र):- दकसी क्षेत्र के पादप और जंतुअपिेर्ौनतक पयाथवरण मेंएक दूसरेपर निर्थर व परस्पर जुडेहुए होते हैं। यही एक पाररस्थस्थनतकी तंत्र बिाता है। मािव र्ी इस तंत्र का एक प्रमुख र्ाग हैं। वन्यजीवन:- वि जीव जो दक अपिेप्राकृ नतक पयाथवरण मेंरहतेहैं।

Related document

x
Report download errors
Report content



Download file quality is faulty:
Full name:
Email:
Comment
If you encounter an error, problem, .. or have any questions during the download process, please leave a comment below. Thank you.